
कांदामूड़ा बॉर्डर से 53 पेकेट धान भर कर निकली पिकअप खजुरपदर के पास पलटी
2घण्टे तक पड़ी रही धान भरी पिकअप,तस्कर जेसीबी मंगवा कर दोबारा खड़ा किया पर जप्ती करने नही पहुंचा प्रसाशनिक अमला।
देवभोग(गंगा प्रकाश):-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घोषणा के अनुरूप प्रदेश में एक नवम्बर से धान खरीदी का महाभियान शुरू हो गया है। गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश में खेती-किसानी में नये उत्साह का संचार हुआ है। खेतों से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है। धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर हो गया है। इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.93 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.03 लाख नये किसान है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के लिए एक नवम्बर 2022 से धान, खरीदी शुरू हो गई है।तो वंही दूसरी ओर गरियाबंद जिला में ओड़िसा से प्रति दिन सैंकड़ो किविंटल धान प्रति दिन गरियाबंद के धान खरीदी केंद्रों में खापाया जा रहा हैं।लगातार हो रही तस्करी की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर टीम का गठन किया गया है। वह लगातार दबिश देकर अवैध रूप से लाए जा रहे धान को पकडऩे के साथ वाहन भी जब्त कर रहे है। इसके बाद भी तस्करी का यह खेल रूकने का नाम नहीं ले रहा है।छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी शुरू होते ही बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं। दूसरे राज्यों के किसानों का धान तस्करी कर लाया जा रहा है। मुख्य मार्गों पर कड़ी चौकसी होने के कारण ग्रामों और बार्डर से सटे हुए ग्रामीण क्षेत्रों से रात के समय इसकी तस्करी हो रही है। हालांकि अब तक सेंकडो क्विंटल धान पकड़ा गया है। इसके बाद भी कोचिए बॉर्डर के इलाकों में सक्रिय हैं।लगातार हो रही तस्करी की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर टीम का गठन किया गया है। वह लगातार दबिश देकर अवैध रूप से लाए जा रहे धान को पकडऩे के साथ वाहन भी जब्त कर रहे है। इसके बाद भी तस्करी का यह खेल रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें कि राज्य में मोटा धान 2040 और पतला धान 2060 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होती है, जबकि पड़ोसी राज्यों में 1600 से 1800 रुपए के दर से खरीदा जाता है।बताना लाजमी होगा ओड़िसा से हो रहे धान तस्करी पर लगाम लगने का दावा एक बार फिर खोखला साबित हुआ हुआ हैं सीनपाली कांदामूडा मार्ग पर इस साल भी कोई चेकपोष्ट नही लगाया गया,इस रास्ते अब भी ओड़िसा का धान दबंग लोग आसानी से पार करवा रहे है।इसकी कलई आज तब खुल गई जब 53 बोरा ओड़िसा का धान से भरा पिकअप क्रमांक सीजी 04 एच क्यू 8391 ,अमलीपदर तहसील के खजूरपदर तालाब मोड़ के पास पलट गई।पिकअप शाम 5 बज के 10 मिनट पर पलटी,6:40बजे तक वँहा भीड़ लग गई,इसी समय एक फ़ोकलेन मशीन पहूँची और पिकअप को खड़ा किया।7:14 बजे पिकअप को ग्रामीण अपने कब्जे में ले लिया।पुरी प्रकिया को कवरेज करने जब टीम पहूँची,तो कुछ लोग फोटो वीडियो बनाने से मना करते रहे,इतना ही नही मोबाइल छीन कर वीडियो फ़ोटो भी डिलीट कर दिया गया लेकिन मोबाइल के डाटा स्टोरेज में सब कुछ सुरक्षित था इस बात से दबंग अंजान थे।वाहन चला रहे चालक ने कदलीमुडा निवासी लीलाधर नागेश का गाड़ी होना बताया ,हालाकि ऑन रिकार्ड वाहन अंकुश कुमार के नाम से पंजीकृत है।उसी के कहने पर धान लेकर आना भी स्वीकार कर रहा था।माजरे की पल पल की रिपोर्ट सीनापाली चेक पोस्ट में तैनात सिपाही बलराम सोनी अफ़सरो को दे रहा था,पर भीड़ व खराब माहौल का हवाला देकर कोई भी जिम्मेदार कार्यवाही के लिए नही पहुंचा था।दूसरे इलाके में गश्त कर रहे देवभोग तहसीलदार आर केवर्त 7:20बजे तक गिरशूल तक पहुँच चुके थे,उन्होंने कहा कि मौके पर नही भी पकड़ाया तो उच्च अधिकारियों का मार्गदर्शन लेकर वाहन व धान को बाद भी जप्त किया जाएगा।
कांदामूड़ा मार्ग पिछले बार भी चर्चा में आया
पिछले साल दिसम्बर माह में कांदामूड़ा सीनापाली मार्ग पर मंडी निरीक्षक रजनी तिवारी ने ओड़िसा के धान के साथ पिकअप जप्त किया था,कार्यवाही होती उससे पहले 8 बाइक में सवार 20 लठैत पहुँचकर पिकअप छुड़ा ले गए।सीनापाली व भरूवामूड़ा चेक पोस्ट के बीच मे कांदामूड़ा मार्ग पड़ता है जो नुआपाड़ा जिले की सीमा को जोड़ता है।पिछले ही साल दबंगो ने भरूवामूड़ा चेक पोस्ट को तोड़ कर धान भरा पिकअप पार करवाया था,इस मामले में 5 लोगो पर सख्त कानूनी कार्यवाही भी किया गया था।
चेकपोष्ट भी चर्चा में
देवभोग थाना क्षेत्र के मगररोडा चेक पोस्ट से धान खुलेआम पार होने के चर्चे है।इन पोस्ट में जिन्हें ड्यूटी देख रेख की दी गई है उन्ही के साठ गांठ में आसानी से ओड़िसा नवरंगपुर सीमा क्षेत्र से धान पार हो रहे है।चेक पोस्ट के साठ गांठ के कारण मगररोडा में मंडी सचिव पहूँचने से पहले सीमा पार गाड़ी रुकवा दिया गया था,जन्हा से अफ़सरो को हुज्जत कर बैरंग लौटाया गया।दोनों चेक पोस्ट को प्रसाशन ने ध्यान नही दिया, ड्यूटी कर्मी व निगरानी के तरिके नही बदले गए तो छतीसगढ़ सरकार की धान खरीदी योजना में बड़ी सेंधमारी की संभावना बनी हुई है।तस्करों द्वारा धान लाकर किसानों के नाम पर बेचने के मामले हर साल सामने आते हैं। अफसरों का मानना है कि ओड़िसा से धान यहां न पहुंचे तो खरीदी का 5 प्रतिशत धान कम हो जाएगा।वंही दूसरी और ओड़िसा से तस्करों द्वारा लाकर स्थानीय किसानों के नाम पर बेचा जाता है।

चुनौती बन गया है अवैध धान को रोकना
देवभोग का इलाका ओडिसा के तीन जिलों से घिरा हुआ है। यहां छोटे बड़े 30 रास्ते है, जो प्रदेश को जोड़ते हैं। यहां पर ओडिसा से भरकर आने वाले धान के अवैध परिवहन को रोकना किसी चुनौती से कम नहीं है। विषम परिस्थितियों के बावजूद जिला प्रशासन की टीम रात के वक्त भी छापेमारी से पीछे नहीं हटतीं।
अवैध धान के आवक के लिहाज से जिले का देवभोग ब्लाक बेहद संवेदनशील है। यह तहसील ओडिशा की अंर्तराज्यीय सीमा पर स्थित है। इन दोनों ही राज्यों से धान की तस्करी की संभावना बनी रहती है। इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन ने प्रमुख मार्गों पर विशेष बेरियर स्थापित करने के साथ ही पेट्रोलिंग टीम का भी गठन किया है। धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू होते ही जिले में पूर्व अनुमति के बगैर धान के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।