पुरी शंकराचार्य

दान सर्वश्रेष्ठ उपाय है। इससे लोक तथा परलोक दोनों पर विजय सम्भव है। निर्लोभ तथा सागरोपम गम्भीर महानुभाव भी दानशील के प्रशंसक / पक्षधर तथा पोषक हो जाते हैं।

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