
किशोर बाला
पखांजुर (गंगा प्रकाश)। अंतागढ़ के पूर्व विधायक मंतूराम पवार ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक 2 दिसम्बर को विधानसभा में पारित होने के बाद सरकार असमंजस में, लोगों को भी लगने लगा कि यह बिल भानुप्रतापपुर उपचुनाव को लेकर जुमला तो नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल अनुसुइया उसके ने 10 बिंदुओं की जानकारी मांगी है जिसमें आरक्षण पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मिलाकर 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान, जबकि 58 प्रतिशत
आरक्षण को हाईकोर्ट ने यह कहकर रद कर दिया है। 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा लांघना कठिन है। अब 76 प्रतिशत की व्यवस्था कैसे लागू सकता है। पर सच्चाई तो यह है कि बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर ने संविधान द्वारा सभी वर्गों को आरक्षण दिया है, जो हमारे मौलिक अधिकार है भीख नहीं है। इस में राजनीतिक दल ,राजनैतिक अखाड़ा ना बनाएं और संविधानिक पद पर बैठे लोग हमारे बीच कटुता पैदा करने की कोशिश न करें। हो जो आरक्षण पहले मिल रहा था वह मिलनी चाहिए। हम सब धरातल में वर्षों से इस तिरंगा के नीचे एक है और एक रहेंगे। हमारे बीच आरक्षण को लेकर मतभेद ना हो भाईचारा कायम रहे, यही हम सब की प्राथमिकता होनी चाहिए।