कृषि उद्योग की प्रतिभा तिवारी ने किया देश का नाम रोशन

अरविन्द तिवारी 

जकार्ता/इंडोनेशिया(गंगा प्रकाश) – भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 के बाद मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिये एपिडा द्वारा 05 दिसंबर 22 को दिल्ली के होटल अशोक में कार्यक्रम के आगाज किये जाने के बाद एपिडा और एंबेसी ऑफ इंडिया इन इंडोनेशिया के संगठन में पहली बार बायर-सेलर मीट का आयोजन गत दिवस इंडोनेशिया के जकार्ता में किया गया। इसमें गवर्नमेंट ऑफ इंडोनेशिया के ऑफिशियल्स और इंडियन एक्सपोर्टर्स शामिल हुये। दूसरी बायर- सेलर मीट का आयोजन इंडोनेशिया के मैदान में एपिडा और कंसोलेट जनरल ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।

इस कार्यक्रम में भारतवर्ष से प्रतिभागी के रूप में एकमात्र महिला प्रतिभा तिवारी (डायरेक्टर- कृषिका नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड) शामिल हुई जिन्होंने अपने ब्रांड अम्मा-द टेस्ट ऑफ ट्रेडिशन के मिलेट व मिलेट उत्पादों का प्रदर्शन किया। जिसे जकार्ता में मनोज कुमार भारती (एंबेसडर ऑफ इंडिया टू इंडोनेशिया) व शुभम सिंह (काउंसिल जनरल ऑफ इंडिया इन मेदान-इंडोनेशिया) साथ ही एपिडा चेयरमेन डॉ० एम अंगमुथु व एपिडा सेक्रेटरी डॉ० सुधांशु द्वारा सराहित किया गया। दोनो कार्यक्रम में इंडोनेशिया के चार बड़े उद्योग समूहों द्वारा प्रतिभा तिवारी को सभागिता में कार्य करने के लिये आमंत्रित किया जिसे एपिडा के अधिकारियों की देख-रेख में क्रियान्वित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में इंडोनेशिया जाकर प्रतिभा तिवारी ने मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुये भारत वर्ष को गौरवान्वित किया है।

                   गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की प्रतिभा तिवारी (43 वर्षीया) कृषि के क्षेत्र में उतरकर ना सिर्फ सफल महिला कृषक बनीं , बल्कि मौजूदा समय में 350 गांवों के जैविक खेती करने वाले 1200 से अधिक किसानों को अपने साथ जोड़े हुये हैं। प्रतिभा पिछले सात सालों से ऑर्गेनिक खेती करने के साथ-साथ किसानों को उनके उत्पादों के लिये प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवा रही हैं। ऐसे तमाम किसान जो जैविक विधि से दलहन , मसाला और मोटे अनाज उत्पादन कर रहे हैं , उनके उत्पाद को अपनी कम्पनी के जरिये उन्होंने बाज़ार का रास्ता दिखाया है। प्रतिभा को खेती किसानी का ज्ञान किसी कृषि वैज्ञानिक से कम नहीं है। किसान रासायनिक तथा कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग करते हैं , जो स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक तो है ही , इससे उपजाऊ जमीन भी बेजान मिट्टी में बदलती जा रही थी। इसके बाद प्रतिभा ने फैसला लिया कि वो जैविक खेती के लिये ना सिर्फ किसानों को जागरूक करेंगी , बल्कि उनसे जैविक खेती भी करवायेंगी। इन्होने वर्ष 2016 में ‘भूमिशा ऑर्गेनिक्स’ की शुरुआत की जो कि बीज से लेकर जैविक खेती की तकनीक , मार्केटिंग में किसानों की मदद करती है। मोटे अनाज के दैनिक उपयोग को बढ़ावा देने व उसके अत्यंत लाभकारी गुणों को लोगों तक पहुंचाने के लिये प्रतिभा ने पुनः एक अनूठी पहल के तहत कृषिका नेचुरेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुवात 2022 में की। जिसके अंतर्गत मोटे अनाज व उससे बनने वाले उत्पादों का निर्माण शुरू किया जिसको उन्होंने अम्मा द टेस्ट ऑफ ट्रेडिशन का नाम देकर लोगों तक पहुंचाया। एपिडा की सहायता से उनके यह उत्पाद भारतवर्ष के साथ साथ विदेशी धरती पर भी धूम मचा रहे है। मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुये उन्होंने वर्तमान में ही इंडोनेशिया के लोगों तक इस उत्पाद को पहुंचाने का सफल प्रयास किया है।

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