पुरी शंकराचार्य

सत्य / ज्ञान और अनन्त ब्रह्म है। देश /  काल / वस्तु – निमित्त से विनष्ट होने वाली वस्तुओं में जिसकी परिगणना नहीं है वह अविनाशी तत्त्व सत्य है।

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