श्री सिद्ध शनिदेव पीठ चकरभाठा बिलासपुर पर बौद्धिक गोष्टी हुईं शामिल हुए गणमान्य नागरिक

आगामी हनुमान जयंतीको होगा हाईकोर्ट हनुमान जी के प्राण प्रतिष्ठा की घोषणा

श्रवण दुबे

बिलासपुर (गंगा प्रकाश)। श्री सिद्ध पीठ  शनिदेव चकरभाठा बिलासपुर छत्तीसगढ़ के अंतर्गत हर प्रत्येक मंगलवार शनिवार को विशेष छटा रहता है  नंदिनी गाय के साथ आश्रम में भैरव ,भैरवी भी विराजमान है वह श्री सिद्ध शनि देव में भजन कार्यक्रम का सुबह से ही तांता लगा रहता है जिससे भक्तों की भीड़ जमी रहती है । इसी क्रम में आज श्री सिद्ध पीठ पंचमुखी हनुमान सिद्ध शनि देव मंदिर के तत्वधान में सनातन धर्म संगोष्ठी बौद्धिक योगिक चर्चा के साथ संपूर्ण हुई साथ ही मंदिर प्रांगण में काफी सारी सुविधाओं की अपेक्षा है जिसे आज आश्रम मे बैठक के साथ मूल्यांकन कर  सारी बातों पर परिचर्चा हुई।

  अंत में प्रसाद वितरण हुआ वह श्री सिद्ध पीठ हाई कोर्ट हनुमान जी कि प्राण प्रतिष्ठा की घोषणा आगामी हनुमान जयंती मे  श्री सिद्ध शनि देव धाम चकरभाठा मे बिलासपुर के मुख्य महंत स्वपन पूरी बाबा जी के नेतृत्व में समापन हुआ, इसी क्रम मे सेवा दल कार्यकारी प्रभारी सतीश वाधवानी पदाधिकारी कंचन पंडित विश्व हिंदू सेवा दल के प्रवक्ता पंडित श्रवण दुबे समुद्र शास्त्रविद ने   गुरुकुल व गौशाला को भारत के संपूर्ण ब्लॉक स्तर तक खोलने का आवाहन  किया। इसी क्रम में वीरेंद्र श्रीवास , भरत मिश्रा,हेमंत महाराज, मोहभट्ठा स्वयंभू के महंत कैलाश पुरी जी के साथ काफी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

साथ ही परिचर्चा हुई जिसमें किसी के बुरे कहने मात्र से आपका जीवन बुरा नहीं बन जाता है। किसी से बदला लेने का नहीं अपितु स्वयं को बदल डालने का विचार ज्यादा श्रेष्ठ है। महत्वपूर्ण ये नहीं कि दूसरे आपको गलत कहते हैं अपितु ये है कि आप स्वयं गलत नहीं करते हैं।

      बदले की आग दूसरों को कम स्वयं को ज्यादा जलाती है। बदले की आग उस मशाल की तरह है, जिसे दूसरों को जलाने से पहले स्वयं को जलाना पड़ता है। इसलिए सहनशीलता के शीतल जल से जितनी जल्दी हो सके इस आग को रोकना ही बुद्धिमत्ता है।

बदले की भावना आपके समय को ही नष्ट नहीं करती अपितु आपके स्वास्थ्य और जीवन तक को नष्ट कर जाती है। दुनिया को बदल पाना बड़ा मुश्किल है इसलिए स्वयं को बदलने में ऊर्जा लगाना ही सुखी एवं आनंदमय जीवन का एक मात्र उपाय है।

जो सुख में साथ दे उसे रिश्ते कहते हैं, जो दुःख में साथ दे उन्हें फ़रिश्ते कहते हैं

 वे हितचिंतक, मार्गदर्शक, विकास प्रेरक एवं विघ्नविनाशक होते हैं। उनका जीवन शिष्य के 

 गुरु का स्पर्श, आध्यात्मिक शक्ति का संचरण तुम्हारे हृदय में जान फूँक देगा । तब विकास आरम्भ होगा। तुम आगे, और आगे बढ़ते जाते हो,वर्तमान परिवेश में गौ माता का अपमान आए दिन हो रहा है चुकी गऊ पालक व्यवस्था ना करने कारण वह बाईपास रोड पर दोहन होने के लिए मजबूर हैं इसके लिए जल्द ही गौ माता गौ रक्षा केंद्र के साथ गुरुकुल की भी योजना प्रस्तावित की जाएगी, साथ ही ग्राम वासी के साथ, सभी भक्तों lको सर्वे भवंतू सुखिनाह का आशीर्वाद दिया।

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