
उपसरपंच ने की जांच की मांग
संजय सिंह भदौरिया
सुकमा (गंगा प्रकाश)-ग्राम पंचायत कुकानार की सरपंच मंगलदई नाग की जनकल्याणकारी योजनाओं व निर्माण कार्यों पर अनियमितता व भारी भ्रष्टाचार किए जा रहे है इस पर कूकानार के उप सरपंच मुकुंददास ने कलेक्टर सुकमा को शिकायत करते हुए जांच की मांग की है उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि
स्वच्छ भारत मिशन योजना में भारी अनियमितता
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत विगत वर्षों से सैकड़ों शौचालय अपुर्ण व निर्माणहीन है, जिसके बावजूद अपने फायदे के लिए अभी वर्तमान में 30 हितग्राहियों के नाम से 12,000/- के हिसाब से राशि निकाला गया है, जिसमें 22 हितग्राहियों को दिया गया और 8 हितग्राहियो का पैसा खुद रखा बताया जा रहा है।

सरपंच के घर में नहीं है शौचालय
सरपंच के पास जल वाहिनी शौचालय नहीं है, फिर भी अवैध रूप से जिसके रहने के लिए घर नहीं है, उसके नाम से व खुद के भाई के नाम 20 जुलाई 2022 को शंकर पिता मशु एवम सरस्वती पति धर्मेन्द्र सिंह के नाम रूपये बारह हजार रुपए निकाला गया है जबकि शौचालय निर्माण हुआ ही नहीं । सरपंच के द्वारा शासन को भी गुमराह किया जा रहा है चुनाव से पूर्व प्रत्येक पंचायत प्रतिनिधि शौचालय होने व न होने की स्तिथि में जल्द निर्माण हेतु शपथ दिया जाता है वर्तमान सरपंच का यह दूसरा कार्यकाल है व आज तक इनके घर में शौचालय नहीं है
सरपंच के संरक्षण में चल रहा अवैध गैस गोदाम
गांव के बीचों-बीच एक शासकीय भवन में एक व्यापारी को गैस गोदाम हेतु ग्राम पंचायत के पंच-उपसरपंच के जानकारी के बिना अनापत्ति प्रमाण-पत्र देकर अवैध रूप से शासकीय भवन को हथियाने हेतु किया जा रहा है, उक्त व्यापारी को सरपंच का संरक्षण मिलने पर भवन खाली नहीं कर रहा है, उक्त भवन को तत्काल खाली कराया जाय ।
नहीं होती है नियमित ग्राम सभा व मासिक बैठक
शासन के निर्देशों के तहत् रखे जाने वाले ग्राम सभा की बैठक भी कभी नहीं रखी जाती है, 20 अगस्त व 2 अक्टूबर जैसे ग्राम सभाएँ नहीं रखी जाती हैं जबकि ये दोनों ग्राम सभा पूर्व से ही निर्धारित है, साथ ही ग्राम पंचायत की मासिक बैठक भी कभी नहीं होती है।
निर्माण कार्यों की नहीं मिलती पंचायत परिवार को जानकारी
ग्राम पंचायत के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों व अन्य कार्यों की जानकारी भी सरपंच के द्वारा पंच एवं उप-सरपंच को नहीं दिया जाता है व उन समस्त निर्माण कार्यो से सम्बंधित भुगतान भी बिना बैठक कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक को गुमराह कर आहरण कर लिया जाता है