
कृषि विज्ञान व अनुसंधान केन्द्र रायगढ़ में कृषि वैज्ञानिकों ने विषय वस्तु विशेषज्ञों का नवाचार
करन अजगल्ले
सक्ती (गंगा प्रकाश)। कृषि विज्ञान केन्द्र रायगढ़ में वहां के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में नवाचार के तहत पूरे प्रदेश में पहली बार कच्ची हल्दी का आचार बनाया है। इसकी चर्चा अब प्रदेश भर में होने लगी है। इसे बनाने की तकनीकी जानकारी पाने अब दूसरे जिलों से भी किसान भाई केव्हीके पहुंचने लगे हैं। इसी तारतम्य में 3 फरवरी , शुक्रवार को नवीन सक्ती जिले से हिन्दी दैनिक अमृत संदेश के पत्रकार योम प्रकाश लहरे तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंदोरा में पदस्थ व्याख्याता केवरा सिंह के साथ अंचल के किसान खेती किसानी के उन्नत तकनीकी जानकारियां पाने कृषि विज्ञान केन्द्र रायगढ़ पहुंचे हुए थे। इस दौरान पत्रकार योमप्रकाश लहरे वह व्याख्याता केवरा सिंह संग किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों तथा विषय वस्तु विशेषज्ञों से पशुपालन, सरसों की उन्नत खेती, धनिया की उन्नत खेती, सघन बागवानी, रागी की खेती, अजोला उत्पादन तकनीक, पोषण सब़्जी वाटिका तथा मसालावर्गीय फसलों की खेती के संबंध में जानकारी प्राप्त किया। इस दौरान किसानों ने विषय वस्तु विशेषज्ञ मृदा विज्ञान के डी महंत ने अपने नवाचार कच्ची हल्दी के आचार के बारे में जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि कच्ची हल्दी का यहआचार औषधीय गुणों के साथ- साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। यह स्वास्थ्य वर्धक होने के साथ साथ इम्यूनिटी बढ़ाने में भी कारगर है। उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र व अनुसंधान संस्थान रायगढ़ के इस स्पेशल नवाचार की सराहना हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डा गिरीश चंद्र सहित कृषि वैज्ञानिकों ने भी भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए इसके लिए केव्ही के रायगढ़ के वैज्ञानिकों की सराहना की है। इस दौरान किसानों को उनके भ्रमण के दौरान डा के डी महंत- विषय वस्तु विशेषज्ञ मृदा विज्ञान, डा चंद्रपाल सिंह सोलंकी पशु वैज्ञानिक,डा के. के पैकरा- शस्य वैज्ञानिक, डा. एन सी बंजारा -उद्यानिकी वैज्ञानिक, नीलकमल पटेल प्रक्षेत्र प्रबंधक, तथा मनोज कुमार साहू निकला परियोजना कर्मचारियों ने किसानों को खेती किसानी के उन्नत व वैज्ञानिक कृषि पद्धति तथा कृषि अनुसंधान तथा विभिन्न नवाचारों के बारे में जानकारी प्रदान किया