
राजिम (गंगा प्रकाश)। माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि 14 दिनों तक चलने वाले प्रदेश का ऐतिहासिक धार्मिक और सांस्कृतिक मेले में आकर दर्शनार्थी अभिभूत हो रहे है। इस मेले में दूरदराज से आये दर्शनार्थियों से जब राजिम में आयोजित इस मेले के संदर्भ में उनकी राय जानना चाही तो उन्होंने बहुत ही प्रसन्नता के साथ अपने अनुभव साझा किये। ग्राम परसट्ठी से सपत्निक पहुंचे युवराज साहू ने बताया कि वे प्रतिवर्ष राजिम मेंले में आयोजित पुण्य स्नान के लिए आते है और हर बार उन्हें नया अनुभव की अनुभूति होती है। इस बार राजिम के मुख्य मंच के पास भगवान श्री राम की विशालकाय मूर्ति को देखकर मन अभिभूत हो गए। इसी प्रकार भिलाई से पहुंचे रवि प्रकाश एवं बिलासपुर कोटा से आए अनिल कुमार ने अपना अनुभव बांटते हुए बताया कि इस बार राजिम मेला में आकर काफी प्रसन्नता हो रही है। जिस प्रकार से राजिम का सौन्दर्यकरण हुआ है यकीनन इससे राजिम की भव्यता और गरिमा में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है। तौरेंगा से पहुंचे नागेश तिवारी ने बताया कि राजिम अभी तक तीन नदियों के संगम के नाम से जाना जाता था लेकिन इस आयोजन के बाद अब संगम के तट पर धार्मिक, सांस्कृतिक एवं श्रध्दा और आस्था का अद्भुत संगम भी देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ की लोक परम्परा और कला सांस्कृति को एक ही मंच पर देखने को मिल रहा है। भलेरा से पहुंचे रोशन साहू ने बताया कि राजिम पहुंचकर जो आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होती है वह एहसास और कहीं के धार्मिक स्थलों पर पहुंचकर मैने महसूस नहीं की है। मेरा परिवार सालभर तक राजिम के पुन्नी मेला का बेसब्री से इंतजार करते है। इतना ही नहीं राजिम के इस मेले में प्रदेशभर के दर्शनार्थियों के द्वारा देश-विदेश के लोग भी राजिम पहुंच रहे है। अब तक राजिम के इस पुन्नी मेले में कनाडा, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, मलेशिया सहित कई देशों के विदेशी पर्यटक भी राजिम पहुंचकर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति से रूबरू होकर परिचित हो रहें है। उन्होंने अपनी टूटी-फूटी हिन्दी में बताया कि ग्रेट इंडिया का ग्रेट राजिम। उन्होंने मेले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद उठाया और कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति बहुत ही रिच और स्ट्रांग है इसी कारण भारत महान है। राजिम पुन्नी मेला में बनायी गयी भगवान राम की विशाल मूर्ति मुख्य आकर्षण का केन्द्र बनी हुईं है। लोग मंदिरों के दर्शन के बाद भगवान राम के इस विशाल मूर्ति के पास बैठकर सुकून के दो पल गुजार ने का कोई मौका नहीं छोडना चाह रहे है। युवा वर्ग में इस मूर्ति के पास सेल्फी लेने की होड़ मची हुई है।




