महुआ के लिए ग्रामीण जंगल में लगा रहे आग, नष्ट हो रहा है जंगल

चिराग उपाध्याय

कोंडागांव (गंगा प्रकाश):- कोंडागांव जिले के  जंगल में मार्च अप्रैल माह आते ही ग्रामीण महुआ चुनने लग जाते हैं। महुआ ग्रामीण   क्षेत्र का प्रमुख वनोपज है। जिस पर हजारों परिवार की जीविका टिकी है। अत्यधिक आमदनी के चलते  ग्रामीण महुआ चुनने के लिए जंगल में आग लगा देते हैं। जिससे वन संपदा पेड़ पौधा का काफी नुकसान होता है। यही स्थिति कोंडागांव जिले के हर गांव में हैं और वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है..|

 उल्लेखनीय है कि  अमरावती के ग्रामीणों के द्वारा    जंगल में आग लगा दिया है। तेज हवा चलने पर जंगल में आग धधक उठे।धीरे धीरे पूरा जंगल में फैल गये। आग के कारण छोटे छोटे पेड़ पौधा और किट पतंगे भी जलने लगे। इस तरह जंगल में रहने वाले सभी तरह के जीव जंतु वन्य प्राणी का जीवन खतरे में पड़ गये। आग के कारण  पूरा जंगल धुंआ से भर गया है। इससे सूखे के साथ हरे तेन्दु ,खैर,नीम ,गिजिन सलई बेल ,सीध ,बैर,बॉस आदि के हजारोें पेड़ पौधा जल गए । इसके कारण  वर्षों से रह रहे जंगली जानवरों पशु पक्षी का डेरा भी उजड़ जाने का डर समा रहा है  । जगल मे रहने वाले राष्ट्रीय पक्षी मोर खरगोश, लोमड़ी , बंदर , जंगली सुअर आदि जानवरों को सिर छिपाने के लिए भी अब जगह नहीं बचा है जिसके कारण  अब वन्य पशु शहरों की ओर जा रहे हैं ।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *