
प्रकाश कुमार यादव
रायपुर (गंगा प्रकाश)। विधानसभा में सोमवार को राजस्व विभाग पर अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री जयसिंह अग्रवाल को आड़े लेते हुए कहा कि समूचे छत्तीसगढ़ प्रदेश में भू-प्रकरण थानेदार और एसपी निपटा रहे हैं। आदिवासियों की जमीनों पर भू-माफियाओं के साथ एसपी और थानेदार मिले हुए हैं, जिससे उनकी जेब गर्म हो रही है। इन लोगों के लिए सबसे बड़े कमाई का साधन जमीनों की अफरा-तफरी शुरू हो चुकी है।
विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में जमीनों के भू माफियाओं का राज आ चुका है। राजस्व विभाग पूरे प्रदेश का भविष्य होता है, लेकिन मंत्री की पकड़ विभाग में नहीं है। प्रदेश में भू माफियाओं का आतंक बढ़ चुका है। भू-माफिया आदिवासी बेटियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं, फिर उनसे शादी कर उनकी जमीनों को हथिया लिया जा रहा है। पीड़ित परिवारों को उनके ही जमीनों से बेदखल कर दबाव पूर्वक भगा कर जमीनों को हड़प लिया जाता है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आदिवासियों की जमीनों को बड़े ही सरलता से बड़े बड़े पैसे वाले एवं प्रभावशील लोगों के दबदबे से सरकारी जमीनों का बंदरबांट किया जा रहा है। घने जंगलों में निवास करने वाले आदिवासियों की जमीनों को बेची जा रही है। पहाड़ी जमीन बताकर प्रभावसील लोगों के हाथों बेची जा रही है। आदिवासी ग्रामीणों के खून पसीने की कमाई का पैसा एवं उनके जमीनों को कब्जा करते हुए मालिकाना हक जताया जा रहा है। भू माफियाओं का तांडव इस कदर है कि गरीब ग्रामीणों के जमीनों को अपने नाम करवाया जा रहा हैं। वर्षों से सीमांकन, बंटांकन क्यों नहीं हो रहा है, विवादित भू प्रकरण मामले का निपटारा क्यों नहीं किया जा रहा है..?
एसडीएम के अधिकारों को तहसीलदार और पटवारियों को सौंपा जा रहा
बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस नेता जयसिंह अग्रवाल को निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में SDM के अधिकारों को तहसीलदार और पटवारियों को सौंप दिया जाता है। जिसके उपरांत ग्रामीणों के जमीनों और दस्तावेजों पर कूट रचना करते हुए नाम और जमीनों के सीमांकन पर फेरबदल की जा रही है।
जिन अधिकारियों को खसरा, और बी-1 की जानकारी नहीं है, उन्हें दबाव पूर्वक जिम्मेदारी दी जा रही है।
विवादित जमीन मामले पर हस्तक्षेप करने का पुलिस वालों को किसने दे दिया अधिकार
आगे भाजपा मंत्री ने कहा विवादित भूमि प्रकरण जमीन मामलों पर हस्तक्षेप करने का पुलिस वालों को किसने अधिकार दे दिया? पुलिस चौकी मिलीभगत और जमीनों के भू माफियाओं के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। मंत्री ने कलेक्टरों को निशाना साधते हुए कहा कि आपदा राहत के अंतर्गत जिलों को करोड़ों रुपए दिया जाता है। जिलों के कलेक्टर उसे दबा देते हैं। समूचे छत्तीसगढ़ प्रदेश में फायर ब्रिगेड उपकरणों की कमी है।
भाजपा विधायक ने कहा कि रायपुर जिले से लेकर समस्त छत्तीसगढ़ राज्य में भू-माफियाओं का राज हो चुका है। जिले ग्राम कस्बे चारों तरफ इनका नेटवर्क फैला हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले से जमीन घोटाले पर पटवारी से 6 लाख रुपए जब्त किया गया था। पूरे प्रदेश में जमीन घोटाले को लेकर कमीशन खोरी चल रहा है। बीजेपी सरकार में 2018 तक राजस्व के 50 हजार प्रकरण लंबित थे, लेकिन सरकार के 4 साल बीत गए और अब तक 33 हजार 174 प्रकरण लंबित है। 4 साल बीत जाने के उपरांत भी इस मामले को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।इसी प्रकार सहायक निरीक्षक और पटवारी पद के पोस्ट खाली पड़े हुए हैं। प्रदेश में प्रशिक्षण पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। स्वामित्व योजना को लागू नहीं किया जा रहा है। छोटे-मोटे ग्राम एवं कस्बों के लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है या देना नहीं चाहते। ऐसे ही रहा तो छत्तीसगढ़ प्रदेश के जनता के साथ कैसे न्याय होगा। कांग्रेस सरकार रोजगार देने के नाम पर नौजवानों को भड़काने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि जमीन मामले पर करोड़ों रुपए की अफरा-तफरी करते हुए प्रदेश के कलेक्टर मनमाने आदेश जारी कर देते हैं और कलेक्टरों के नाक के नीचे पूरे भू माफिया दलाल सक्रिय हो गए हैं।
मिसाल के तौर पर ग्राम राजगामार कोरकोमा मामला
बता दें कि अखबारों ने कुछ ही दिनों पूर्व राजगमार, कोरकोमा में आदिवासियों की जमीनों को अवैध तरीके से बेजा कब्जा करते हुए खरीद-बिक्री की जा रही है। मनमाने तरीके से आदिवासियों की जमीनों को बेजा कब्जा करते हुए एवं भू माफियाओं के द्वारा मालिकाना हक जता कर आदिवासियों की जमीनों को बड़े पैमाने पर कब्जा किया जा रहा है। जंगलों में आग लगा दी जा रही है। जिससे कि वन्य जीव जंतु जड़ी बूटी वन्य औषधियां एवं जंगलों में रहने वाले निवासियों के जीवन प्रभावित हो रहा है। जमीनों का खेल जिला कोरबा में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है परंतु खबर प्रकाशित करने के उपरांत भी भू माफिया समूचे छत्तीसगढ़ में सक्रिय है।