ट्रांस्पोर्टर सुखवंत ने दुर्ग पुलिस के अफसरों पर लगाया प्रताडऩा का आरोप

भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार  करते रहूंगा स्टिंग ऑपरेशन, चाहे क्यों न हो जाये मेरा इन्काउंटर

भिलाई (गंगा प्रकाश)। कृपाल नगर कोहका निवासी ट्रांस्पोर्टर व स्वतंत्र पत्रकार सुखवंत सिंह ने  आयोजित पत्रकारवार्ता में दुर्ग पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाकर न्याय की गुहार प्रदेश सरकार और प्रदेश के डीजीपी से की है। उनका कहना है कि छग के तमाम सरकारी विभागों में पदस्थ भ्रष्ट व रिश्वतखोर लोगों का वह लगातार स्टिंग ऑपरेशन करते आ रहे है,इसी कड़ी में दुर्ग जिले के दो पुलिस वालों का भी उनके द्वारा स्टिंगऑपरेशन पैसे के लेन देन को लेकर किया गया जो कि सोशल मीडिया सहित  अनेकों समाचार पत्रों में उस खबर का प्रकाशन हुआ। इसकी शिकायत मेरे द्वारा एन्टीकरप्शन ब्यूरो रायपुर मे भी की गई लेकिन वहां पदस्थ अफसरों ने कहा कि इस लेन देन का सही सत्यापन हम थानों से करने के बाद ही आगे की कार्यवाही करेंगे। वहीं दुर्ग पुलिस के बडे अधिकारी ने मुझे काफी अपमानित व जिल्लत भरे शब्दों का उपयोग कर पूरे सिक्ख धर्मको बेईज्जत किया है जिसकी शिकायत मेरे द्वारा मानव अधिकार आयोग व दिल्ली सिक्ख कमेटी से भी की गई है। जिस तरह विद्युत अधिनियम के एक मामले में मेेरे द्वारा वर्ष 2022 में स्थाई वारंट की जमानत ले लिये जाने के बावजूद भी मुझे मेरे घर से थाने बुलवाकर मुझे बेईज्जत किया गया। स्मृति नगर पुलिस चौकी व सुपेला पुलिस का स्टाफ था, वह सभी सादी वर्दी में थे जब मैने पूछा  कि मुझे किस जुर्म के तहत आप थाने ले जाना चाहते हो तो उन्होंने कहा कि तुम पुलिस वालों को बहुत चाय पिलाते थे और उनका स्टिंग ऑपरेशन करते हो। आप बड़े साहब का आदेश है कि तुम्हारा एक मामले में स्थाई वारंट है, उसे पकड़कर लाओ। तो मैं पुलिस की दबाव में स्वयं अपनी कार से उनके साथ सुपेला थाना पहुंचा। वहां पर स्मृति नगर चौकी प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव, एसआई एलएस वर्मा, चार अन्य पुलिस वालों ने मेरे साथ काफी दुव्र्यवहार किया एवं पीने का पानी मांगने नही दिया गया और बाथरूम भी नही जाने दिया गया। जिससे मैं काफी आहत हूं। पुलिस वाले मुझे बताया कि जब उनके द्वारा मेरा सुपेला थाने में स्थाई गिरफ्तारी वारंट था तो मेरा डॉक्टरी मुलाहिजा व परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना के फार्म में हस्ताक्षर क्यों लिये ? सुखवंत सिंह ने कहा कि दोषी पुलिस वालों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग शासन प्रशासन के करता हूं। मैँ भ्रष्टचार के विरूद्ध लगातार स्टिंग ऑपरेशन का कार्य कर रहा हूं इसी दुर्भावनवश मुझे दुर्ग पुलिस द्वारा जबरिया फंसाने का कार्य किया जा रहा है। मैँ  भ्रष्टचार के विरूद्ध स्टिंग आपरेश करते रहूंगा चाहे मुझे फजी मामले में फंसाया जाये या मेरा इन्काउंटर कर दे। इस दौरान स्मृति नगर पुलिस चौकी के एसआई एलएस वर्मा ने मुझेस कहा कि हमारे बडे अधिकारी इन्काउंटर स्पेशलिस्ट है, तुम्हारा भी इनकाउँटर कर देंगे। मैने उन्हें जवाब दिया कि मुझे इनकाउंटर होना मंजूर है, मैं मरूंगा नही बल्कि भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ते हुए शहीद हो जाऊंगा।

दुर्ग पुलिस के जिन दो अफसरों सतीश साहू और एएसआई दाण्डेकर द्वारा जिसमें श्री दाण्डेकर द्वारा अपने क्यूआरकोड और सतीश साहू द्वारा अपनी प्रेमिका के एकाउंटर में 3 हजार रूपये डलवाये थे लेकिन विडियों वायरल होने के कारण सतीश साहू की प्रेमिका ने तीन हजार रूपये लौटा दिये। इस मामले मे मुझे न्याय नही मिला तो मैं हाईकोर्ट व सुप्र्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पीछे नही हटूंगा।

पत्रकारवार्ता में उपस्थित लोगों में उनके अधिवक्ता अशोक शर्मा, ट्रास्पोर्टर सुखचैन सिंह कंग, प्रभुनाथ बैठा, रजंीत सिंह रंधावा, रंजीत सिंह ढिल्लन, दर्शन सिंह, दुशान, जयदीप सिंह, डुन्डल, रिंकू बोरॉय, प्रिंस सहित अन्य ट्रांस्र्पोटर मौजूद थे।

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