जेएलएन अस्पताल में नए उपकरणों की स्थापना और सुविधाओं का उन्नयन

भिलाई (गंगा प्रकाश)। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा अपने कर्मचारियों और उनके आश्रितों के साथ-साथ संयंत्र के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र में इलाज कराने वाले निजी नागरिकों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है। कोविड-19 महामारी के बाद सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन के साथ कार्डियक कैथ लैब को फिर से शुरू किया गया है, जिसके बाद एंजियोग्राफी प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई है। साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान जेएलएन अस्पताल में नए और आधुनिक उपचारात्मक उपकरणों का अधिग्रहण और स्थापना की गई है।
विदित हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र को एनएबीएच-क्यूसीआई इंडिया द्वारा एनएबीएच एंट्री लेवल रिन्यूअल सर्टिफिकेशन प्रदान किया गया है, जो चिकित्सकीय देखभाल के संबंध में गुणवत्ता और सुरक्षा प्रचलन को प्रमाणित करता है। गंभीर रूप से जले हुए रोगियों की शीघ्र रिकवरी के लिए बर्न यूनिट की उपचार सुविधा में स्किन बैंकिंग को जोड़ा गया है। स्किन बैंकिंग के लिए शेकिंग इनक्यूबेटरए आइस लाइन्ड रेफ्रिजरेटर, बायो-सेफ्टी कैबिनेट सहित नए उपकरण खरीदे गए। इस बीच स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (एसओटीटीओ) रायपुर के डॉक्टरों की एक टीम ने जेएनएल चिकित्सालय के स्किन बैंक का निरीक्षण किया और पांच साल की वैधता के साथ लाइसेंस जारी किया। जेएलएन अस्पताल के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में सिंगल फोटोन एमिशन टोमोग्राफी (एसपीईसीटी) मशीन के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कई नए उपकरण भी लगाए गए हैं। डायग्नोस्टिक हिस्टोपैथोलॉजी में उपयोग किए जाने वाले जमे हुए (फ्रीज्ड) ऊतकों (टिस्यू) की तैयारी के लिए हिस्टोपैथोलॉजी विभाग को क्रायोस्टैट (एसएलईईू) से लैस किया गया है, जहां सर्जिकल बायोप्सी का ऑपरेटिंग रूम में जल्दी से मूल्यांकन किया जा सके। फिजियोथेरेपी विभाग को नए माइक्रो वेव डायथर्मी इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएटरए लार्ज फील्ड रेडिएटरए बीटीएल 6000 एमवी से लैस किया गया है।
वहीं शवगृह (मोर्चरी यूनिट) में दो मशीनें मंगवाई गई हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 6 शव रखने की है। नई मशीनों में डेटा लॉगर के साथ तापमान डिस्प्ले आदि सुविधा हैं, जहां संबंधित अधिकारियों द्वारा दूर से ही डेटा और अन्य मापदंडों की निगरानी की जा सकती है।

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