
रितेश पटेल
कोंडागांव (गंगा प्रकाश)- कोषालय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष भानु पटेल ने मुख्यमंत्री समेत वित्त सचिव व संचालक कोष लेखा पेंशन को भेजा पत्र विभाग द्वारा 90 प्रतिशत पद पीएससी के माध्यम से भरे जाने की हुई अनुसंशा का किया विरोध छत्तीसगढ़ प्रदेश कोषालयीन शासकीय कर्मचारी )संघ ने विभाग में कार्यरत लिपिकों के हित में एक बार फिर आवाज बुलंद किया है , संघ द्वारा विभागीय लिपिको के लिए कुल 40 प्रतिशत पद आरक्षित करने मांग की गई है । संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जितेन्द्र सिंह ठाकुर एवं प्रांतीय महामंत्री दीपक देवांगन के आह्वान पर संघ के कोंडागांव जिलाध्यक्ष भानु पटेल ने प्रदेश मुख्यमंत्री समेत वित्त विभाग के सचिव एवं संचालक कोष लेखा एवं पेंशन को पत्र प्रेषित कर अपनी मांगो से अवगत कराया है । प्रेषित ज्ञापन में संघ के जिलाध्यक्ष भानु पटेल ने उल्लेख किया है कि पूर्व में प्रदेश कोषालयीन शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा मांग की गई थी जो आज दिनांक तक अपेक्षित है । वर्तमान में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से 50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा अन्य विभागों के कर्मचारियों के माध्यम से 35 प्रतिशत विभागीय कोषालयीन कर्मचारियों के लिए अधीनस्थ लेखा परीक्षा के माध्यम से 10 = एवं कोषालयीन कर्मचारियों के लिए विभागीय पदोन्नति हेतु 5 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया है । जिसका छत्तीसगढ़ प्रदेश कोषालयीन शासकीय कर्मचारी संघ घोर विरोध करता है । जिलाध्यक्ष ने लिखा है कि वर्ष 2012 के पूर्वछत्तीगसढ लोक सेवा आयोग के माध्यम से 30 प्रतिशत सीधी भर्ती से अन्य विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से 30 प्रतिशत विभागीय कोषालयीन कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु 10 प्रतिशत तथा कोषालयीन कर्मचारियों द्वारा अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा के माध्यम से 30 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया था । संघ द्वारा ज्ञापन देने के उपरांत पूर्व में ज्ञात हुआ है कि अधीनस्थ लेखा सेवा की परीक्षा समाप्त कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से 90 प्रतिशत तथा विभागीय पदोन्नति से 10 प्रतिशत पदों को भरने हेतु शासन को संचालक , कोष लेखा एवं पेंशन द्वारा अनुसंशा किया गया है , जो कि न्याय संगत नही है । जिलाध्यक्ष ने लिखा है कि वित्त विभाग में अधीनस्थ लेखा परीक्षा से अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी बराबर प्रतिभागिता का अवसर प्राप्त हो जो कि न्यायसंगत नहीं है चुकि अन्य कई ऐसे विभाग हैं ( जैसे राजस्व , वाणिज्यिक कर , परिवहन , गृह , सहकारिता एवं अन्य विभाग ) जहां वरिष्ठ पदों पर जाने हेतु विभागीय कर्मचारियों को पदोन्नति एवं परीक्षा के माध्यम से 50 प्रतिशत पद आरक्षित होता है । संबंधित विभाग के कर्मचारी को ही सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त होता है तथा अन्य विभाग के कर्मचारियों हेतु पूर्णतः प्रतिबंध है । ऐसी स्थिति में वित्त विभाग की अधीनस्थ लेखा सेवा की परीक्षा में अन्य विभागों के कर्मचारियों को अवसर दिया जाना पूर्णतः अन्याय एवं कर्मचारी विरोधी है । विभाग द्वारा शासन को जो प्रस्ताव प्रेषित किया गया है , यदि शासन द्वारा वह प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया जाता है तो निश्चित रूप से कोषालयीन कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले अवसर समाप्त होंगे । जिससे कोषालयीन कर्मचारियों पर घोर निराशा एवं रोष व्याप्त होगा । कोषालयीन कर्मचारी नियुक्ति तिथि से शासन के आय – व्यय लेखा का संधारण , देयक परीक्षण एवं पारित इत्यादि समस्त प्रकार के वित्तीय विषयों पर पूरी गंभीरता का परिचय देते हुए कार्य संपादित करते हैं । जिसके कारण वे उक्त कार्य में पूर्णतः दक्ष हैं । इस कारण अधीनस्थ लेखा सेवा में अवसर प्रदान करने से विभाग एवं शासन को ऐसे कर्मचारियों के कार्य का अनुभव निश्चित ही लाभप्रद होगा , जिससे कर्मचारी भविष्य में प्राप्त होने वाले अवसर की अपेक्षा में अधिक उर्जा एवं उत्साह के साथ कार्य करने में सहायक सिद्ध होंगे । पत्र में लिखा गया है कि अवगत उक्त विषय को अमल करने से शासन को किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं आएगा । प्रत्येक कोषालयीन कर्मचारी यह अपेक्षा रखता है कि अपने विभागीय परीक्षा एवं पदोन्नति के माध्यम से अधीनस्थ लेखा सेवा में उन्हें आगे बढने एवं अपनी आर्थिक एवं अस्मिता को मजबूती मिले साथ ही अपने सामाजिक पृष्ठभूमि को भी मजबूत करे । जैसे अन्य विभागों के कर्मचारियों को अपने विभागीय उच्च पदों पर पदोन्नति का लाभ प्राप्त होता है । संघ द्वारा मांग किया गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से 60 प्रतिशत सीधी भर्ती से विभागीय कोषालयीन कर्मचारियों की पदोन्नति के माध्यम से 20 प्रतिशत तथा अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा के माध्यम से 20 प्रतिशत पद आरक्षित किया जाए तथा अन्य विभागों के कर्मचारियों को अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा में किसी भी रूप में भर्ती का संघ पूर्णरूपेण विरोध करता है और अन्य विभागों के कर्मचारियों को अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा में सम्मिलित होने के अवसर को पूर्णतः समाप्त करने की मांग की गई है ।