कुपोषित बच्चों को पोषण की श्रेणी में लाना, सभी की हो प्राथमिकता – कलेक्टर

आंगनबाड़ी के अधोसंरचना व मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति पर ध्यान दें अधिकारी

सैम बच्चों के लिए समुदाय आधारित प्रबंधन को लेकर हुई विशेष चर्चा

    दुर्ग (गंगा प्रकाश)। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी के अधोसंरचना की मरम्मत और मूलभूत आवश्यकता जैसे पानी, बिजली व शौचालय इत्यादि पर संबंधित अधिकारियों को विशेष रूप से ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के इंजिनियर के साथ समन्वय स्थापित कर आने वाले बरसात के पूर्व मरम्मत कार्य विभाग व डीएमएफ के फंड से पूर्ण कराने के लिए कहा। 

   बैठक में कलेक्टर ने आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने, ई-कवच सैम के अंतर्गत पंजीकरण, पोषण ट्रैकर फिडिंग सहित अन्य कई बिंदुओं पर उपस्थित अधिकारियों से चर्चा की गई। 6 माह से लेकर 5 साल तक के अधिक कुपोषित (सैम) बच्चों का ईलाज करने के लिए उन्होंने ब्लॉक स्तर पर विशेष यूनिट शुरू करने के लिए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही गंभीर कुपोषित बच्चों (सैम) के चिन्हांकन के लिए कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर परीक्षण करने के लिए निर्देशित भी किया। उन्होंने अति कुपोषित श्रेणी (सैम) में आने वाले बच्चों के लिए समुदाय प्रबंधन पर आधारित गतिविधियों को युद्धस्तर पर चलाने के लिए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया ताकि कुपोषित बच्चों के ग्राफ को जिले में कम किया जा सके। उन्होंने कहा 5 साल तक के सैम विद कॉम्पलीकेशन वाले बच्चों को एन.आर.सी. में भर्ती कर उचित प्रबंधन के माध्यम से शीघ्र पोषण की श्रेणी में लाना उपस्थित अधिकारियों के प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को ए.एन.एम., मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकताओं को योजनाबद्ध तरीके से क्लस्टर वार ट्रेनिंग देने के लिए कहा। ताकि वह क्षेत्र में बेहतर से बेहतर कार्य कर सके। 

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