नहीं रहे गरियाबंद जिले के एक दिन के उद्घोषित कलेक्टर शैलेन्द्र कुमार ध्रुव, दुनिया को कहा अलविदा

छुरा(गंगा प्रकाश)। प्रोजेरिया नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित गरियाबंद जिला के एकमात्र मरीज शैलेन्द्र ध्रुव का सोमवार देर रात निधन हो गया है, इस बीमारी की विभित्सीका का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि अब तक भारत में इसका इलाज़ सम्भव नहीं हो पाया हैं गरियाबंद जिला के छुरा  विकासखंड के मेड़़ंकीड़बरी के एकमात्र मरीज लग-भग 18 वर्षीय शौलेन्द्र का आकस्मिक  निधन हो गया है, इस बिमारी के चलते भले ही शौलेन्द्र किशोर अवस्था में शारीरिक रुप बुड़ा नजर आता था किन्तु वह मानसिक रूप से बेहद उत्साहित बालक था जिसका सपना था कि वह आगे पढ़ लिख कर कलेक्टर बने मिडिया के माध्यम से जब यह सूचना मुख्यमंत्री निवास पहुंचा तो मुख्यमंत्री ने  बालक को गरियाबंद जिले के सबसे कम उम्र का उद्घोषित कलेक्टर होने का गौरव प्रदान किया। जिसमें एक दिन में शौलेन्द्र ने विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में रायपुर पहुंच मुख्यमंत्री निवास में सीएम भूपेश बघेल के साथ वार्तालाप में शामिल हुए थे। वहीं बीते दिनों शौलेन्द्र ने बारहवीं की परीक्षा लगातार दो महीने से  गंभीर बीमार होने के बावजूद पास कर महाविद्यालय स्तर कि पढ़ाई करने के लिए बेहद ही उत्साहित थे लेकिन रात तकरीबन 8 बजे शौलेन्द्र के सीने में तेज दर्द उठा जिससे परिवार वाले उन्हें पास के चिकित्सक तक ले गये जिनकी सलाह पर उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा ले जाने की तैयारी कर रहे थे इसी बीज शौलेन्द्र ने इस घातक बीमारी से लड़ते हुए अपनी अंतिम सांस ली। जिसे सुनते ही उनके गांव सहित क्षेत्र का माहौल भी दुखद है गया और मिडिया में ये बात आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर गहरा दुख जताया। 

सबसे पहले छुरा थाना से पुलिस विभाग के कर्मचारीगण पहुंचे और परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना प्रदान किए, तत्पश्चात रायपुर से सुबह निकलकर दस बजे आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जनक राम ध्रुव एवं जिला कांग्रेस कमेटी महामंत्री चिराग अली ने इस दुख की घड़ी में शैलेन्द्र के घर पहुंच कर उनके परिजनों को सांत्वना प्रदान कर मृतात्मा के शांति के लिए प्रार्थना कर दास संस्कार में शामिल हुए।

  अंतिम संस्कार तक जिले एवं ब्लॉक के कोई आलाधिकारी नहीं पहुंचे थे जिस बात पर परिजन एवं ग्रामवासी मायुस नजर आए, तत्पश्चात छुरा तहसीलदार अंकुर रात्रे करीब एक बजे के आसपास पहुंच कर परिजनों से मुलाकात कर किसी भी प्रकार की सहयोग की आवश्यकता होने पर हमें तुरंत अवगत की बात कहते हुए हालचाल जानते हुए मदद का आश्वासन भी दिया।

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