
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। थोक और खुदरा महंगाई दर के संदर्भ में जारी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जनपद अध्यक्ष पुष्पा साहू ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां केवल चंद पूंजीपति मित्रों के हितों पर फोकस है। एक तरफ जहां होल सोल प्राइस इंडेक्स 3.4% है। अर्थात उत्पादक और किसानों के द्वारा जो सामग्री थोक विक्रेताओं/वितरकों को बेचे जाते हैं वहां पर बेहद कम कीमत दी जा रही है। दूसरी ओर खुदरा विक्रय अर्थात दुकानदारों द्वारा जो ग्राहकों को बेचा जाता है वहां पर महंगाई दर 4. 25% है। तात्पर्य है कि ना उत्पादक किसानों को लाभ मिल रहा है और ना ही अंतिम उपभोक्ता आम जनता को कोई फायदा है। पूरा का पूरा लाभ बड़े होलसेलर कारोबारियों को कि मिल रहा है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार सब्जियों में थोक मूल्य सूचकांक 30.1% है। आलू का थोक मूल्य सूचकांक 18.2% आयल सीड 15.6 प्रतिशत और वनस्पति घी 29.5 प्रतिशत है। लेकिन इन्हीं सामग्रियों का खुदरा मूल्य सूचकांक 3.29% है। अर्थात उत्पादक किसानों पर एक तरह के कृत्रिम राष्ट्रीय आपदा मोदी सरकार के संरक्षण में लाई गई है। किसानों से खरीदी में लगभग एक तिहाई तक दाम में कटौती कर दी गई है लेकिन खुदरा विक्रय की दरें लगभग 4. 25% अधिक है। अर्थात कुल अंतर लगभग 35% तक का है। मोदी सरकार की नीतियां किसानों को लूटने आम उपभोक्ताओं से खींचने और पूंजीपतियों को सिंचने की है। जनपद अध्यक्ष पुष्पा साहू ने कहा है कि झांसे और जुमलो कि मोदी सरकार विगत 9 वर्षों से केवल भ्रम फैला कर देश की जनता को धोखा देने का काम कर रही है। वर्ष 2022 में देश के 7.2% जीडीपी विकास दर का पूरा किया है कि 2018- 19 में रियल जीडीपी टैक्स 140 लाख करोड़ थी। जो 2022 -23 में 20 लाख करोड़ बढ़कर 160 लाख करोड़ हुआ है। अर्थात विगत 4 वर्षों में औसत विकास दर मात्र 3.4% रही है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर मात्र 1.8% रही जो विगत 25 सालों में दूसरी सबसे कम विकास दर है। मोदी राज में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में शर्मनाक स्थिति है 121 देशों में 107 वें स्थान पर आ गए हैं। एक तरफ देश के भीतर वार्षिक कर संग्रहण 3 गुना बड़ा है। वहीं दूसरी ओर मोदी राज में देश पर कुल कर्ज का भार भी बढ़कर 3 गुना हो गया अर्थात जो संसाधन और जो प्राप्तियां है वह ना देश की काम आ रही ना देशवासियों के केवल पूंजीपतियों मित्रों कितनी छोरियां भरने का काम कर रही है। मोदी सरकार विगत 9 वर्षों में 20 से ज्यादा सर्वजनिक उपक्रम औने पौने दाम पर बेचे गए रेलवे स्टेशन बैंक बीमा एयरपोर्ट बंदरगाह नवरत्न कंपनियां बेच कर भी देश पर कर्ज का भार लगातार बढ़ रहा है। काला धन वापस लाने की बात की थी। हुआ उल्टा बैंक फ्रॉड और आम जनता का बैंकों में जमा धन लेकर भागने की घटनाएं मोदी सरकार के संरक्षण में लगातार बढ़ रही है। 15 लाख करोड़ से अधिक का चंद पूंजीपति मित्रों का लोन राइट ऑफ किया गया। लेकिन न किसानों को एमएसपी की गारंटी ना स्वामीनाथन कमेटी का सिफारिश लागू कर पाए ना युवाओं को रोजगार।