डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि में बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया

गरियाबंद/राजिम/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर नगर के वार्ड नंबर 3 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनके बलिदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश को अखंड रखने हेतु और एक ही देश में दो निशान दो विधान नहीं चल सकता इसके लिए नेहरू मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आंदोलन चलाया और पुरजोर विरोध किया कि भारत देश एक है। और दिल्ली तथा जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग संविधान नहीं बन सकता अलग-अलग राष्ट्रध्वज नहीं फहराया जा सकता। जब देश आजाद हुआ है तो हम सब एक साथ मिलकर एक होकर सभी भाई बंधु सभी जाति समूह धर्म संप्रदाय एक कानून के नीचे आकर संविधान का पालन करें। लेकिन कांग्रेस सरकार की तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की सरकार ने तुष्टीकरण की नीति अपनाते हुए देश को हमेशा के लिए आतंकवाद में ढकेल दिया और समय की स्थिति बनी रही जिसे हम अब धारा 370 के रूप में जानते रहे हैं। उसे जब नरेंद्र मोदी की पूर्ण बहुमत की सरकार आई तो कुछ विभाजन कारी धारा को हटाकर जम्मू एवं कश्मीर को पूर्ण रूप से भारत का अभिन्न अंग बनाया इसके लिए मोदी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी डॉ श्यामा प्रसाद के षड्यंत्र पूर्वक मृत्यु पर कार्यकर्ताओं ने रोष जाहिर करते हुए उनके बलिदान को अपूरणीय क्षति बताया एवं सभी ने उनके शैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर पुण्य स्मरण किया। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता भागवत हरित जिले के संयोजक अशोक सिंह राजपूत भाजपा नेता रामु राम साहू ने अपने विचार व्यक्त किए किरण सोनी संचालन एवं मंडल अध्यक्ष प्यारेलाल सोनकर ने आभार व्यक्त की।

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