
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। प्राथमिक शाला सिर्री खुर्द में गुरु पूर्णिमा पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सरपंच टिकेश साहू अध्यक्षता पालक सदस्य अशोक बघेल एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व सरपंच विजय कांड्रा ने परम पूज्य गुरुदेव ब्रह्मालीन सिया भुनेश्वरी शरण व्यास जी के छाया चित्र पर फूल माला अर्पित कर पूजा अर्चना किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरपंच टिकेश साहू ने कहा कि गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है। हम जो कुछ भी हैं किसी ना किसी गुरु के द्वारा दिखाए गए कार्यों एवं बताए गए ज्ञान के द्वारा ही प्रगतिशील है। हर मनुष्य का किसी न किसी रूप में कोई न कोई गुरु जरूर होता है। गुरु के बिना जीवन अधूरा है। इसलिए गुरु का हमें हमेशा सम्मान आदर करना चाहिए। गुरु के बताए गए पथ पर चलने से सफलता कदम चूमती है। और निरंतर हम आगे बढ़ते रहते हैं आगे अपने उद्बोधन में कहा कि आज मैं हमारे प्राथमिक शाला के शिक्षक खोमन सिन्हा का श्रीफल से सम्मान करता हूं। क्योंकि आज गुरु पूर्णिमा है और हमारे लिए और हमारे बच्चों के लिए हमारे स्कूल के निरंतर कार्य करने वाले शिक्षक खोमन सिन्हा का मैं हृदय से सम्मान करता हूं। जिन्होंने हमारे बच्चों को अनुशासन शिष्टाचार अध्यापन एवं सभी कार्यों की दृष्टि से परंपरागत कार्य कर रहे हैं। पूर्व सरपंच विजय कांड्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सभी बच्चों गांव के गणमान्य नागरिकों आप सबको गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। और आप सबके जीवन में खुशी हो आप सबको अपने अपने गुरु की कृपा दृष्टि मिलता रहे। इसी कामनाओं के साथ हमारा स्कूल निरंतर आगे बढ़ता रहे और हमें और हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त होता रहे। शिक्षक खोमन सिन्हा ने कहा कि आज का दिन गुरु पूर्णिमा यह संदेश देता है कि हमारा जीवन गुरु के बिना अधूरा है क्योंकि सुखद निर्वहन करने के लिए गुरु का होना आवश्यक है। हमारा प्रथम गुरु हमारे माता-पिता हैं इसलिए हमें हमेशा अपने माता-पिता का आदर सम्मान करना चाहिए उन्हें खुश रखना चाहिए और उनके द्वारा बताए जाने वाले बातों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। आत्मसात करना चाहिए क्योंकि आज जो भी है हम उन्हीं के बदौलत हैं। अन्यथा हम होते ही नहीं। इसलिए हर व्यक्ति का दायित्व बनता है कि वह अपने माता-पिता का हर दिन चरण स्पर्श करें और साथ ही साथ स्कूल में भी जो शिक्षा देते हैं। ऐसे शिक्षकों का भी हमें सम्मान करना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि जहां भी हमें ज्ञान की दो बातें मिले उन्हें ग्रहण करना चाहिए और ज्ञान की बात बताने वाले हर व्यक्ति हमारे गुरु के लिए समान होते हैं। इसके लिए उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। कहा गया है गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए भगवान ने भी कहा है कि ईश्वर से भी बड़ा गुरु होता है। इसलिए हमें हमेशा हमें गुरु के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सरपंच टिकेश साहू पूर्व सरपंच विजय कंदरा अशोक बघेल यशवंत निर्मलकर दयालु कांडरा सरोज सोनी मंदाकिनी साहू निरूपा निषाद लीलाराम मतवाले शिक्षक खोमन सिन्हा प्रमुख रूप से रहें।