भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रावण का माह अतिउत्तम

फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। नगर के पंडित दिनेश शर्मा ने बताया कि शिव आराधना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रावण का पवित्र मास अधिकतम माना गया है। वैसे तो श्रावण माह 4 जुलाई से प्रारंभ हो चुका है। अधिक मास होने के कारण ईश्वर शिव की आराधना का पवित्र मास श्रावण में कुल आठ श्रावण सोमवार पड़ेंगे। प्रथम सोमवार 10 जुलाई दूसरा 17 जुलाई को है। 17 जुलाई को ही छत्तीसगढ़ का पारंपरिक लोक पर्व हरियाली अमावस्या हरेली कहा जाता है। तीसरा सोमवार 24 जुलाई को चौथा सोमवार 31 जुलाई को पांचवा सोमवार 7 अगस्त को उसके उपरांत 14 अगस्त,23 अगस्त और 8 अगस्त को सोमवार के व्रत पड़ेंगे। पंडित मनीष तिवारी ने बताया कि 3 वर्ष के उपरांत में होने वाले अधिक मास को पुरुषोत्तम मास का जाता है। पुरुषोत्तम मास 18 जुलाई से प्रथम श्रावण शुक्ल पक्ष प्रारंभ होकर द्वितीय श्रावण कृष्ण  पक्ष अमावस्या 16 अगस्त तक रहेगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस पुरुषोत्तम मास के तैतीस देवता हैं। इस मास में कामना की पूर्ति के लिए मनोकामना सिद्ध करने के लिए पुओ दान करने से पृथ्वी दान का फल मिलता है। उन्होंने कहा कि बड़े हुए पुरुषोत्तम मास में गुड़,सरसों व पुओ को स्वर्ण के साथ किसी ब्राह्मण को करना चाहिए। जिससे सभी मनोरथ की पूर्ति होती है साथ भगवान शंकर भोलेनाथ का दही दूध वृहद शंकरा में पंचामृत स्नान व गंगाजल से जलाभिषेक कर बिल्वपत्र शमीपत्र नैवैध चढ़ा कर पूजन करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है।

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