आचार्य विशुद्ध सागर महाराज द्वारा रचित गंधराज सत्यार्थ बोध को डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर की उपाधि से किया गया सम्मानित

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। दिगंबर जैन समाज के आचार्य भगवंत गुरु श्री विशुद्ध सागर जी महाराज द्वारा लिखे गए ग्रंथ राज सत्यार्थ बोध को संयुक्त राज्य अमेरिका की ब्रिटिश नेशनल यूनिवर्सिटी क्वीन मैरी द्वारा डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर (डि.लीट) उपाधि से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। दिगंबर मतालबियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने गत वर्ष फाफाडीह जैन दिगंबर मंदिर में चातुर्मास किया था और इस वर्ष आचार्य श्री का चौमासा बड़ोद में चल रहा है। आचार्य श्री के इस ग्रंथ सत्यार्थ बोध शास्त्र की रचना को मात्र भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पूरे विश्व की कई लाइब्रेरी में अंग्रेजी अनुवाद कर रखा एवं पढ़ा जा रहा है। यह उपलब्धि संपूर्ण भारत के साथ-साथ जैन संप्रदाय जैन दर्शन के लिए भारी गौरवान्नित करने वाली उपलब्धि है। जैनाचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज अभी तक 55 जैनेश्वरी दीक्षा दे चुके हैं। गत वर्ष चौमासा के अवसर पर आचार्य श्री ने रायपुर फाफाडीह में भी तीन व्यक्तियों को जैनेश्वरी दीक्षा दी थी। आचार्य श्री द्वारा लगभग 150 से ज्यादा रचित महान ग्रंथ विभिन्न विषयों में प्रकाशित हो चुके हैं।

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