नाग पंचमी का पर्व प्रकृति के साथ हमारे जुड़ाव का प्रतीक है। :- धरमलाल कौशिक

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने नाग पंचमी पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

सागर बत्रा 

रायपुर (गंगा प्रकाश):- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने पवित्र सावन माह के सातवें सोमवार व नाग पंचमी के सुअवसर पर विधानसभा बिल्हा क्षेत्र के ग्राम मोहभट्टा स्थित भगवान शिव स्वयंभू भुवनेश्वर मंदिर पर सहपरिवार पहुंचकर विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं  प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि मंगल कामना की इस अवसर पर कौशिक ने कहा नाग पंचमी का पर्व भारतीय संस्कृति में जीव-जन्तु, वृक्ष-वनस्पति सभी के साथ आत्मीय सम्बन्ध जोड़ने की समृद्ध एवं प्राचीन परम्परा है नाग पंचमी का पर्व प्रकृति के साथ हमारे इस जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नाग पूजा का प्रचलन प्राचीन काल से चला आ रहा है हमारे धर्मशास्त्रों में नाग जागृत कुण्डलिनी शक्ति का प्रतीक है। सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु शेषनाग पर ही शयन करते हैं शेषनाग छत्र बनकर उन्हें छाया प्रदान करते हैं ज्ञान और मोक्ष के प्रदाता भगवान शिव के आभूषण ही सर्प एवं नाग हैं सावन में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है श्रावण मास में नाग पंचमी भगवान शिव संग नागों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है उन्होंने कहा कि शक्ति के प्रतीक नाग पंचमी के पर्व पर हमारे समाज में पारम्परिक पर्व है।

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