अपनी मजदूरी पाने दो साल से वन विभाग का चक्कर काट रहें मजदूर

उपनिदेशक वरुण जैन का आश्वासन भी मजदूरों को मजदूरी दिलाने में नहीं आया काम

मैनपुर (गंगा प्रकाश)। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व वन परिक्षेत्र तौरेंगा बफर जोन यूं ही जंगल के संरक्षण संवर्धन की दिशा में कृत संकल्पित होकर काम कर रहे हैं ऐसा दावा तो किया जाता है। असल में उस दावे के पीछे का राज हम बताने जा रहे हैं।

 उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व तौरेंगा परिक्षेत्र बफर जोन के जिम्मेदार अधिकारियों के मार्ग निर्देशन पर भोले भाले कम पढ़े लिखे मजदूरों ने डेढ़ साल पूर्व ग्राम झरियाबाहरा नर्सरी में पौधा तैयार करने के लिए पॉलिथीन भराई,निंदाई,पानी टेंकर से पानी की व्यवस्था एवं पौध संरक्षण सहित छिंद उन्मूलन कार्य कक्ष क्रमांक 1070 एवं 1068 में किया गया है जिसका मजदूरी राशि लगभग ₹80000अस्सी हजार रूपये अभी तक बकाया है।

लाखो रूपयो की हेराफेरी एवं फर्जी बिल वाउचर से लखपति बनने वाले इन जिम्मेदार वन अधिकारियों को क्या पता मजदूरों के घर में रोटी दाल के लिए कितना मशक्कत करना पड़ता है।कैसे जीवन निर्वाह करते हुए एक-एक रुपए के लिए  मोहताज होना पड़ता है।

इस मामले को लेकर मजदूरों ने उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन को 8 महीना पहले जानकारी देते हुए मजदूरी राशि दिलाने की गुहार लगाये थे।

आश्वासन भी मिला लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हो सका  उम्मीद और विश्वास के साथ मजदूरों ने नर्सरी में तालेबंदी की बात ज्ञापन में लिखा गया था उस पर समझौता कर लिया गया। 

पुराने मजदूरों का मजदूरी बकाया दूसरे मजदूरों से वन विभाग कराने लगा काम

इधर डेढ़ साल से मजदूर मजदूरी राशि पाने विभागीय दफ्तरों का चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।

 वहीं वन विभाग के लापरवाह अधिकारियों के द्वारा बिना वन समिति को पूछे दूसरे मजदूरों से फिर काम करा रही है। जिसके साथ भी यही हाल वन विभाग करेगी। वन विभाग के जिम्मेदार उच्च अधिकारियों को इस गंभीर मामले पर तत्काल संज्ञान लेने नितांत आवश्यक है।

मजदूरी नहीं मिलने पर नर्सरी में तालाबंदी करने का किया ऐलान

मजदूर योगेंद्र नागेश, मिथिलेश मांझी, सहदेव नागेश, चंदन कमार, चुलेश्वर ध्रुव, नोहर मरकाम ने एक बार फिर अपने हक अधिकार को लेकर वन विभाग तौरेंगा परिक्षेत्र बफर जोन से डेढ़ साल से बकाया मजदूरी राशि को दिलाने की मांग किया है।

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