
अरविन्द तिवारी
रायपुर(गंगा प्रकाश)। – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर भारत सरकार द्वारा लंबित देनदारियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुये शीघ्र निराकरण का अनुरोध किया है। इस पत्र में सीएम बघेल ने लिखा है वर्तमान स्थिति में भारत सरकार/भारतीय खाद्य निगम के स्तर पर राज्य की एजेन्सियों की लम्बित देनदारियां लगभग 6,000 करोड़ रूपये की हो चुकी हैं। केंद्रीय पूल में राज्य सरकार की ओर से जमा चावल के बाद बचे शेष धान के निराकरण में भी राज्य सरकार को बड़ी हानि उठानी पड़ती है , जिसकी भरपाई भारत सरकार द्वारा नहीं की जाती है। इससे राज्य सरकार को अतिरिक्त आर्थिक भार वहन करना पड़ता है। सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध करते हुये इस पत्र में कहा है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें कि वे राज्य की एजेन्सियों की लम्बे समय से लम्बित समस्त देनदारियों की समय-सीमा निर्धारित कर निराकरण करें तथा राज्य के विधिक क्लेम की राशि शीघ्र राज्य सरकार को अन्तरित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें। उन्होंने लिखा है कि पिछली सरकार द्वारा राज्य को ओडीएफ घोषित किये जाने के बावजूद पंद्रह लाख परिवार उन्नत शौचालय सुविधा से वंचित हैं। सीएम बघेल ने इन परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध कराने की मांग प्रधानमंत्री से की है। साथ ही कहा है कि उन्नत शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि 12000 रुपये प्रति परिवार से बढ़ाकर 30000 रुपये की जानी चाहिये। उन्होंने अतिवाद प्रभावित तथा दुर्गम क्षेत्रों में ऐसे शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वाधान में कराये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 6 (2019-21 ) में यह पाया गया है कि छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में 88.2 प्रतिशत परिवार एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 73.5 प्रतिशत परिवार उन्नत शौचालय सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इस तरह राज्य के कुल परिवारों में से 76.8 प्रतिशत परिवार उन्नत शौचालय सुविधा का उपयोग कर रहे हैं तथा 23.2 प्रतिशत परिवार इस सुविधा से वंचित हैं। पिछले महीने राज्य सरकार द्वारा कराये गये सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के दौरान शौचालयों के भौतिक सत्यापन से राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के जारी आंकड़ों की पुष्टि होती है। सीएम ने पत्र में आगे कहा है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में राज्य में 32 लाख से अधिक शौचालय निर्मित किये हुये थे और जनवरी 2018 में संपूर्ण राज्य को ओडीएफ घोषित किया गया था। शौचालयों के निर्माण में लगभग 4,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि का व्यय हुआ था। इतनी राशि व्यय करने के बाद भी राज्य के लगभग पंद्रह लाख परिवारों को वर्तमान में उन्नत शौचालय की सुविधा ना होना चिंता और जांच का विषय है। सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से अनुरोध करते हुये लिखा है कि भारत सरकार के प्रशासकीय विभाग द्वारा स्वतंत्र तृतीय पक्ष के माध्यम से वस्तुस्थिति की जांच करायी जाये और राज्य की भौगोलिक एवं जनांकिकीय स्थिति को ध्यान में रखते हुये उन्नत शौचालय सुविधा रहित परिवारों के लिये शौचालय निर्माण हेतु प्रति परिवार प्रोत्साहन राशि को 12,000 रुपये की जगह 30,000 रुपये करते हुये राशि स्वीकृत की जावे और अतिवाद प्रभावित और दुर्गम क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से शौचालय निर्माण की सहमति दी जाये।