बहनों ने कलाई पर बांधा रक्षासूत्र, भाईयों ने रक्षा का दिया वचन

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। मुहुर्त और भद्रा के साए ने रक्षाबंधन त्यौहार 2 दिनों में बंटने से उत्साह दोगुना दिखा। भाई-बहन ने स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व बुधवार एवं गुरूवार को नगर सहित आसपास अंचल में उत्साह के साथ मनाया गया। पर्व को लेकर बहनों में काफी उत्साह का वातावरण रहा। सावन मास के पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन पर्व का इंतजार बुधवार को भाई-बहन के मेल मिलाप के साथ हुआ। रक्षाबंधन के इस पर्व में बुधवार को रात 9.01 बजे तक भद्रा का साया रहा जिसके चलते इस बार बहनों को अपने भाईयों के कलाई में राखी बांधने के शुभ मुहुर्त का इंतजार करना पड़ा। बहनें पूजा की थाल राखी, चांवल, गुलाल व मिठाई रखकर अपने भाईयों की आरती उतारकर सिर पर तिलक लगाकर उनकी कलाईयों पर राखी बांधी तथा उनका मुंह मीठा कराया। भाईयों ने भी अपने बहनों को उनकी रक्षा का वचन दिया। इस अवसर पर भाईयों ने बहनों को अनेक उपहार भी भेंट किए। रक्षाबंधन पर अपने भाईयों को मिठाई देने के लिए बहनों के सोन पापड़ी पैकेट की मिठाई के डिब्बों की जमकर खरीदी की। परंपरागत मिठाईयों का विक्रय भी हुआ पर पैकेट डिब्बों के कारण कहीं न कहीं परंपरागत मिठाईयों का कारोबार कम हुआ। इस साल रक्षाबंधन के त्यौहार की तारीख को लेकर मतभेद था कि राखी का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाय या फिर 31 अगस्त को हिंदू पंचाग के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि और भद्रा कालरहित मुहुर्त में मनाने की परंपरा होती है। दरअसल इस साल सावन पूर्णिमा की तिथि अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार 30 को भी रही वहीं आज 31 को भी पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार भद्रा के समय राखी बांधना अशुभ होता है ऐसे में आज गुरूवार को सुबह भद्रा का साया नहीं होने से 7ः30 बजे तक स्नेही बहनें भाईयों को राखी बांधी।

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