स्वास्थ्य कर्मचारियां के आंदोलन से विकासखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमाई

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन के तत्वाधान में विगत दिनों से स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन पर है। इसके चलते स्वास्थ्यगत समस्या से पीड़ित आम जनता को अनेक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सक, स्टॉफ नर्स एवं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के 5 सूत्रीय मांगों के संबंध में 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। लोग इलाज के लिए इधर से उधर भटक रहे है। संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, टीबी कुष्ठ के मरीजों को सुविधाएं एवं समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है, जिसके कारण लोगों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। स्टॉफ नहीं होने के कारण घर में प्रसव के साथ साथ शिशु की मृत्यु भी हो रही है। कही निमोनिया और मिजल्स से बच्चों की मृत्यु हो रही। लोग स्वास्थ्य सुविधाएं के अभाव में जान गवाने में मजबूर हो रहे है। क्षेत्र में डेंगू बीमारी व्यापक रूप से फैली हुई है। सभी स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाएं चरमराई हुई है। शासन के महत्वपूर्ण कार्यक्रम मिशन इन्द्रधनुष एवं शिशु संरक्षण माह का सफल आयोजन नहीं हो पा रहा है। जो की शासन के तानाशाही रवैय्ये के द्वारा कर्मचारियों की हित में उनकी मांगो को नजरंदाज कर उन्हें हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है। जिनकी वजह से नागरिकों को स्वास्थ्य से वंचित होना पड़ रहा है।

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