
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। शिक्षक किसी भी राष्ट्र के निर्माणकर्ता के रूप में जाना जाता है। भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता हैं शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्रों के द्वारा विशेष रूप से तैयारी की गयी थी । कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के छायाचित्र में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित के साथ हुआ उपस्थित छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्रधानपाठक घनश्याम बघेल ने कहा गुरू शिष्य की परम्परा भावनात्मक रूप से बहुत बहुत ही निर्मल एवं पवित्र होता हैं जो अज्ञान रूपी अन्धकार से निकालकर हमें सद्ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य करते हैं। शिक्षक समाज में युवाओं को एक अच्छे पद पर बैठा हुआ देखना चाहते हैं शिक्षक एवं साहित्यकार थानू राम निषाद ने कहा गुरू गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।। कबीर द्वारा लिखी गई उक्त पंक्तियां जीवन में गुरू के महत्व को वर्णित करने के लिए काफी है शिक्षक को जीवन निर्माण में माता पिता के बाद दूसरे गुरू के रूप में देखा जाता है। शिक्षक समाज का दर्पण होता है जो अपने शिष्यों को जीवन जीने की कला सिखाती हैं जो समाज में एक आदर्श नागरिक निर्माण का कार्य करती हैं जो एक शिल्पकार के रूप में कार्य करते हुए हमेशा अपने छात्रों को अपने से ऊपर पद पर गढ़ने का कार्य स्वयं करते हैं जो अपने से ऊपर पद पर ले जाने का हर सम्भव कोशिश करते हुए स्वयं जलकर अपने छात्रों के जीवन में एक नई प्रकाश लाना चाहते हैं जो अनेक क्षेत्रों में ऊपर उठा हुआ उच्च पद पर देखना चाहते हैं जो अमूर्त को मुर्त रूप में लाने का कार्य करते हैं छात्र छात्राओं के द्वारा अपने शिक्षक के समान में एक से बढ़कर एक गीत कविता की प्रस्तुति दी गई सभी शिक्षकों को कलम भेंट कर आशीर्वाद लिया इस अवसर पर शिक्षक परमेश्वर यादव प्रमुख रूप से उपस्थित थे।