हरदी में माताएं सगरी मैया की पूजा अर्चना कर संतान दीर्घायु की कामना की 

छुरा (गंगा प्रकाश)। ग्राम पंचायत हरदी में बड़ी धूम धाम से हर्षोल्लास के साथ हलषष्ठी पर्व मनाए। इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म हुआ था। इसके ठीक दो दिन कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत किया जाता है।   हलषष्ठी के व्रत में कथा अवश्य सुननी चाहिए, ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती हैं। एवम माताएं अपने संतान की दीर्घायु होने स्वास्थ्य लाभ की कामना तथा संतान प्राप्ति निर्जला व्रत रखती है। महुआ के दोना, पतल पर पसहर चावल और साथ किस्म की भजियों का भोग लगाकर व्रत तोड़ती है। सगरी मैया की पूजा भैंस की दूध,दही से नहलाकर अपने संतान के कमर पर सगरी के पानी को कपड़े के पोटली बनाकर लगती है। जिससे उसके संतान के समस्त रोग दोष दूर हो जाते हैं, यही परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं।

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