
नियमित साइकिलिंग, सात्विक आहार सकारात्मक ऊर्जा का प्रमुख आधार

छुरा (गंगा प्रकाश)। सुपोषण जागरूकता पखवाड़ा अंतर्गत पोस्ट मैट्रिक हॉस्टल में सात्विक आहारचर्या द्वारा स्वस्थ रहने के तरीके बताया गया। आरोग्य भारती परिवार द्वारा विविध गतिविधियों के द्वारा प्रकृति की ओर मुड़ने के लिए लगातार जागरुक किया जा रहा है। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी एवं आरोग्य भारती प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. ऐश्वर्य साहू, सेवानिवृत्त व्याख्याता नाड़ी वैद्य के.आर. सिन्हा एवं योगविद शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा द्वारा मां भारती एवं आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा अर्चना किया। के.आर. सिन्हा ने बालकों के साथ जमीन पर बैठकर उखडू बैठने के लाभ बताया। विभिन्न सब्जियों के औषधीय गुणों से परिचय कराया। सब्जियों को पौष्टिक और सुपाच्य बनाने, उनका सेवन करने के प्राकृतिक तत्वों से अवगत कराए। उन्होंने साइकिलिंग के फायदे बताते हुए नियमित साइकिलिंग के लिए प्रेरित किया। आयुर्वेदिक दोहों के माध्यम से मौसमी फलों के लाभ बताये। प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. ऐश्वर्य साहू ने विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर मिलेट्स के उपयोग के लाभ और तरीके बताए। छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार, एकादशी व्रत और उनके भोज्य पदार्थों के वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाले। बच्चों को रेशेदार सब्जी, फल, सलाद को नियमित भोजन में शामिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कोदो, कुटकी, रागी, पसहर चावल आदि में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिंस, मिनरल्स, जिंक, सल्फेट, माइक्रोन्यूट्रियंस भरपूर मात्रा में रहता है। इनके उपयोग से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। हमें सतरंगी सब्जी का नियमित सेवन करना चाहिए। योगविद शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा ने संचालन करते हुए सुव्यवस्थित दिनचर्या का पाठ सिखाया। सिन्हा ने बच्चों को सुबह उठकर उषा पान, योग, व्यायाम, खाली पैर पैदल चलने, खानपान में संयम के फायदे बताएं। भोजन में अंकुरित अनाज, सब्जियों के जूस, सेंधा नमक, नारियल पानी, दूध, दही, छाछ का उपयोग करने की सलाह दिए। अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने के टिप्स भी दिए। विदित हो आरोग्य भारती परिवार द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में शिविर लगाकर लोगों को पौष्टिक भोजन द्वारा स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार, स्वस्थ ग्राम, स्वस्थ राष्ट्र निर्माण हेतु जागरूक किया जा रहा है। जागरुकता कार्यक्रम में उत्तम, महेश, देवानंद, कैलाश, दिनेश, जागेश, कमलेश, मनीष, अनिल, झम्मन, थामेश सहित बड़ी संख्या में बालकों ने स्वस्थ रहने के गुर सीखे।