वन प्रबंधन समिति और वन विभाग के द्वारा सांभर के शिकार करने वाले पर वन अधिनियम की कार्यवाही

मैनपुर (गंगा प्रकाश)। वन प्रबंधन समिति और वन विभाग के अमला द्वारा सांभर के शिकार करने वाले शिकारी को पकड़े गए हैं। जिसमें वरुण जैन, उपनिदेशक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद के कुशल मार्गदर्शन में गोपनीय सूचना के आधार पर दिनांक 24.10.2023 को ग्राम करलाझर के जुकतीराम, रतीराम के द्वारा बंदुक से एक नग वन्यप्राणी सांभर का शिकार किये है। जिसका पतासाजी करने के लिए वन अमला की टीम ग्राम करलाझर पहुंचे, जुकतीराम पिता फरसराम एवं रतीराम पिता प्रताप फरार थे। उनके घर का ग्राम करलाझर के पंचो के समक्ष तलाशी लिया गया। जुकतीराम पिता फरसराम के घर से सांभर की कच्चा मांस 3.125 कि.ग्रा., 01 नग प्लास्टि डिब्बा, 03 नग तीर, 01 नग कमान 01 नग चिड़िया फंदा, 01 नग घुरु 07 नग साही चूहा का काटा, जंगली सुअर के बाल का गुच्छा, 03 नग जंगली मुर्गी का फंदा, 02 नग बंदुकनुमा लकड़ी, 01 नग मच्छरदानी 06 नग बिन्धना, 03 नग सहन पत्थर, 01 नग बसुला, 01 नग रेन्दा 01 नग भरी बरामद किया गया। जिसे वन विभाग के द्वारा जप्त किया गया और जुकतीराम के पत्नि गायत्री के बताये अनुसार अनंतराम और कोन्दाराम भी शामिल है। टीम के द्वारा अनंतराम और कोन्दाराम से पूछताछ किया गया। कोन्दाराम इस सांभर का शिकार प्रकरण मे शामिल था और उनके बताये अनुसार अन्य आरोपी जुकतीराम पिता फरसराम रतीराम पिता प्रताप दीपक पिता रतीराम दशरथ पिता तितरुराम एवं उड़ीसा निवासी अज्ञात इन सभी 06 आरोपी वन्यप्राणी सांभर का शिकार करने मे संलिप्त है। इन सभी 06 आरोपी के विरुध्द पी.ओ. आर. क्रमांक 48 / 04 दिनांक 25.10.2023 जारी कर वन अपराध पंजीबध्द किया गया है। विवेचना अधिकारी धर्मेन्द्र सोनवानी सहायक परिक्षेत्र अधिकारी करलाझर के द्वारा कोन्दाराम पिता बैजनाथ नेताम को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत गिरफ्तार कर माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरियाबंद के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के 05 आरोपी फरार है जिसकी पतासाजी वन विभाग एवं पुलिस विभाग के द्वारा की जा रही हैं।

इस कार्यवाही मे गोपाल कश्यप सहायक संचालक उदंती (मैनपुर), डोमार सिंह साहू वनक्षेत्रपाल, परिक्षेत्र अधिकारी दक्षिण उदंती, चन्द्रबली ध्रुव उपवनक्षेत्रपाल उड़नदस्ता प्रभारी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद, धर्मेन्द्र सिंह सोनवानी, टकेश्वर देवांगन, मनोज कुमार ध्रुव, अनुप जांगड़े, विरेन्द्र कुमार ध्रुव, सूर्यदेव जगतवंशी, राकेश मारकंडेय, चुरामन घृतलहरे, रोहित निषाद, विरेन्द्र ध्रुव, नीरु, गौतम, महेश्वर, योनेश, केशबो, शोभा, रामदास वन प्रबंधन समिति का विशेष योगदान रहा।

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