कांग्रेस प्रत्याशी विद्यावती सिदार, सुनीति राठिया पर पड़ रहीं है भारी, 20 वर्षों से राठिया दंपत्ति का भाजपा टिकट पर कब्जा बना विरोध की वजह

रविभगत ,दीपक सिदार, जागेश, देवेंद्र प्रताप आदि काबिल चेहरों के भविष्य पर संशय 

चंद्रशेखर जायसवाल 

लैलूंगा(गंगा प्रकाश)। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 15 लैलूंगा में चुनावी बिगुल बजने के बाद भाजपा एवं कांग्रेस दोनों अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने जोर आजमाइश में लग गए हैं । कांग्रेस प्रत्याशी विद्यावती सिदार को टिकट मिलने के बाद से ही कांग्रेस खेमे में खलबली मच गई थी और  दिग्गज नेताओं में विरोध के स्वर दिखाई दे रहा था जिस पर सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस के सभी नेताओं को एकजुट कर विद्यावती सिदार को जिताने की हिदायत दी उसके बाद से ही पूर्व विधायक हृदय राठिया और सुरेंद्र सिदार ने मोर्चा संभालते हुए कांग्रेस के पक्ष में धुआंधार बल्लेबाजी शुरू कर दी है। इधर भाजपा प्रत्याशी सुनिती राठिया अपना दम खम लगाने में जुट गई है, 2013से 2018तक विधायक रही सुनीति का ग्राफ खराब होने के कारण2018,में उनका टिकट काट दिया गया था उसकी जगह सत्यानंद राठिया को टिकट मिला जो की चक्रधर सिंह से 24हजार वोटो से पराजय हो गए थे अब सवाल यह उठता है कि विगत 20 वर्षों से राठिया दंपत्ति को ही प्राथमिकता के साथ भाजपा का टिकट दिए जाने के बाद से ही पार्टी के रवि भगत, दीपक सिदार, जागेश सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह, स्नेहलता सिंह आदि चेहरों के भविष्य में आगे बढ़ने के रास्ते बंद हो गए है। वही आम जनता एवं भाजपा के अंदरखाने में कानाफूसी चल रही है कि आने वाला समय में सुनीति राठिया के सुपुत्र को भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। वही पुराने कार्यकाल का हवाला देकर वर्तमान विधानसभा चुनाव में फिलहाल सुनीति के पक्ष में आम जनों का कहीं भी अंदरुनी समर्थन नहीं मिल रहा है जबकि विद्यावती फ्रेश कैंडिडेट होने के कारण पूरे विधानसभा क्षेत्र में नए चेहरे को जिताने की होड़ होने लगी हुई है एवं पब्लिक का रुझान भी विद्यावती सिदार की प्रति जबरदस्त दिख रहा है। वही भाजपा के पूर्व विधायक रहे स्वर्गीय प्रेम सिंह सिदार की पुत्रवधू होने के कारण पूर्व में उनके भाजपाई समर्थक प्रेम सिंह के नमक का कर्ज उतारने विद्यावती सिदार के पक्ष में दिख रहें हैं।

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