
रायपुर (गंगा प्रकाश)। श्री महंत जब अपने विधानसभा क्षेत्र के जनसंपर्क दौरे पर निकले तब वहां एक युवक आके बोला गुरुदेव मैं भाजपा का कट्टर कार्यकर्ता हूं 35 वर्षों तक पार्टी का झंडा उठाते आ रहा हूं लेकिन आज बड़े दुख के साथ पार्टी की विचारधारा से मुझे अलग होना पड़ रहा है मुझे पार्टी नहीं एक अच्छा व्यक्तित्व चाहिए। 8 नवंबर को देर रात राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज मठ पुरैना क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे थे तभी एक भाजपा के कार्यकर्ता अपने दरवाजे पर चौकी (पीढ़ा) लगाकर महाराज जी को बड़े ही आदर और सम्मान के साथ अपने दरवाजे पर खड़ा किया उनका पाद्प्रक्षालन कर पूजा अर्चना की और उन्होंने अपने मन की पीड़ा गुरुदेव के सामने अभिव्यक्त की। उन्होंने अपने गली का खराब हालत को दिखाते हुए कहा कि जिस व्यक्ति के लिए मैंने जीवन भर संघर्ष किया अपनी ही गलियों में अपने ही जनता की सवालों का जवाब नहीं दे पा रहा हूं। महाराज जी कुछ दूर आगे निकले ही थे तभी मोहल्ले के सात आठ लोगों ने हाथ जोड़कर कहा गुरुदेव हमारे नाली की स्थिति देखिये यहां पानी का पाइप भी फूटा हुआ है गंदा पानी बहता है जिसे पीने के लिए हमें मजबूर होना पड़ रहा है। इसके पूर्व जब महाराज जी मलसाय तालाब (कुशालपुर ) के बाजू की गली में मात्रीशक्तियों की बैठक में सम्मिलित होने के लिए पहुंचे तब सभी माताओं ने उन्हें बताया कि गुरुजी हमारे शिवालय की हालत देखिए यहां हम लोग बहुत परेशान रहते हैं दिन रात बहुत सफाई करनी पड़ती है, हमारे बैठने -उठने का कोई स्थान नहीं है। इसे बनवा दीजिएगा जैसे ही वे आगे बढ़े तब उन्होंने पुनः कहा गुरुजी इस गली को देखिए यहां कितना गड्ढा है रोज कोई न कोई गिरता है और एक्सीडेंट होता है इसका भी उपचार कीजिएगा गुरुदेव! इस तरह के अनेक वाकियात राजेश्री महन्त जी महाराज को रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के गली-गली में देखने को प्राप्त हो रहा है। लोगों की समस्याओं का अंबार है वे जब कुशालपुर में आदिवासी समाज की बैठक में उपस्थित हुए तब लोगों ने उनसे शौचालय की मांग रखी राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि-वे लोग तो कहते हैं कि हमने भारत को शौच मुक्त कर दिया है! यहां 35 वर्षों से यह हालत है! एक शौचालय की भी प्राप्ति नहीं हुई। यह बहुत छोटा कार्य है यदि मुझे सेवा का अवसर मिला तो इसे दो महीने में बना कर दूंगा। आप लोगों को एक बड़े सामुदायिक भवन की भी आवश्यकता है समयानुसार वह भी पूरा होगा