
गरियाबंद/छुरा/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। इस बार के चुनाव में मतदाताओं के बीच विकास एवं मुद्दों की जगह फ्री में मिलने का क्रेज ज्यादा कारगार दिखा। कही भी देखो मात्र फ्री में मिलने की चर्चा हो रही थी। कर्जा माफी, महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं की ही चर्चा सुनाई आ रही थी। घोषणा पत्र चाहे कांग्रेस का हो या भाजपा का उनमें महिलाओं को लुभाने वाले वायदे भी किए गए है जिसका जबरदस्त असर मतदान में देखने को मिला है। मतदान में पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राजिम विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या पुरूष मतदाताओं से अधिक रही। वहीं शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान के प्रति अधिक उत्साह दिखाई दिया। खासकर बड़ी संख्या में किसानों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दोनों ही प्रमुख पार्टियों कांग्रेस व भाजपा बम्पर मतदान को अपने पक्ष में बता रहे है और अपनी जीत का दावा कर रहे है। मतदाताओं ने किसके घोषणा पत्र पर भरोसा किया है वह 3 दिसंबर को पता चल जायेगा जब मतों की गिनती होगी। अंचल में ऐसी भी हुआ है जब कांग्रेस के कुछ तथाकथित कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी को और भाजपा के कथित कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी को विजयी बनाने उधेड़ बुन में लगे रहे। इससे किसे कितना फायदा व किसे नुकसान हुआ ये मतगणना के बाद पता चल जायेगा। विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के तहत शुक्रवार 17 नवंबर को राजिम विधानसभा क्षेत्रों के सभी 254 मतदान केन्द्रों में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस बार हुए मतदान ने यह सिद्ध कर दिया है कि आदिवासी क्षेत्र के मतदाता अपने मताधिकार को लेकर काफी जागरूक हो चुके है। चुनाव में स्थापित किए गए आदर्श मतदान केन्द्र, संगवारी पोलिंग बुथ, बिटिया हेल्प डेस्क, दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्थापित किए गए मतदान केन्द्रों में वोट डालने मतदाताओं का जनसैलब उमड़ पड़ा। 17 नवंबर को सुबह 7ः30 बजे से ही कतार में लगकर मतदाताओं ने वोट डाला, जो कि देर शाम तक चलता रहा। मतदान के दिन किसी को इस बात से शिकायत थी कि वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था और पूरे परिवार को मतदान से वंचित कर दिया गया। वहीं कुछ परिवार ऐसे भी थे जिन्हें वोटिंग की पर्ची मिली थी और उन्हें मत देने का पूरा अधिकार था। लेकिन उन्होंने वोट ही नहीं डाला। इसके चलते उन्हें आलोचना का शिकार भी होना पड़ा। वोट नहीं डालने का कारण पूछने पर नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि मतदाताओं को अपने पक्ष में करने प्रत्याशी जिस तरह का तरीका अपना रहे है वह तरीका ही पसंद नहीं आया। इनका कहना था कि प्रत्याशियों के कार्यकर्ता मतदान के एक दिन पहले मतदाताओं को शराब बांट रहे है नोट बांट रहे है चांदी के जेवरात बांट रहे है कपड़े बांट रहे है। आंधी रात को दरवाजा खटखटाकर मतदाताओं तक रूपये पहुंचाए जा रहे है। ऐसे में हमारे वोट का क्या महत्व है। बढ़े हुए मतदान प्रतिशत के संबंध में इनका कहना था कि घोषणा पत्र से लेकर उपहार बांटने तक सभी में लालच छुपा हुआ है। सिर्फ धन तंत्र और बल तंत्र ही दिख रहा है ऐसे में लोकतंत्र कहा है।