देवउठनी एकादशी के साथ ही वैवाहित मुहूर्त का होगा श्री गणेश

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। 23 नवंबर गुरूवार देवउठनी एकादशी से 5 माह से बंद सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जावेंगे। अंचल में इसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को थी। उसके बाद से शहनाईयों की गूंज बंद हो गई थी जो अभी तक जारी है। विवाह वाले एवं शुभ कार्य करने वाले परिवारों का इंतजार अब खत्म होने वाला है क्योंकि देवउठनी एकादशी के साथ ही वैवाहिक मुहूर्त शुरू हो जाएंगे और शहनाइयां बनजे लगेंगी। हालांकि इस वर्ष नवंबर में शादी के मात्र 5 मुहूर्त है और दिसंबर में 7 है। इस साल 12 दिन मुहूर्त बचे है जिसमें अधिकांश दिनों बड़ी संख्या में शादियॉ होगी। इसकी हलचल शुरू हो गई है हर वर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष गुरूवार 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को देर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 नवंबर को 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। इसके अगले 24 नवंबर को तुलसी विवाह है। इस दिन से विवाह का लग्न शुरू हो जाता है। बता दे कि नवंबर माह में 23, 24, 27, 28 और 29 को शादी के लिए शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा दिसंबर में 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 15 को शुरू मुहूर्त है। इस दौरान बाजारों में जमकर खरीददारी होने की उम्मीद व्यापारी जता रहे है। बता दे कि नवंबर माह में देवउठनी एकादशी के बाद विवाह के लिए 4 शुभ मुहूर्त है। वही दिसंबर माह की बात करें तो 7 वैवाहिक इस महीन में है। वही व्यापारियों को अच्छे व्यापार की उम्मीद है।

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