शहरों के साथ गांवो में बढ़ रहा प्लास्टिक सामानों का उपयोग इसके खतरे से लोगों को जागरूक करने की है जरूरत

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। इन दिनों फिंगेश्वर नगर सहित गांव गांव में प्लास्टिक पाऊच, कप, बर्तनों आदि का उपयोग काफी मात्रा में हो रहा है। प्रशासन एवं चिकित्सकों के लगातार चेतावनी देने के बाद भी लोग इस मामले में जागरूक नहीं है। पॉलीथीन का इस्तेमाल गांव से लेकर नगर तक सभी जगह जोरों से हो रहा है। यह लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम अक्सर पॉलीथीन से भरा मिलता है। इसके चलते नाले तक जाम हो जाते है। इसका प्रयोग तेजी से बढ़ा है। वहीं इसके बढ़ते उपयोग के कारण लोगों में कई तरह की बीमारियॉ भी तेजी से फैल रही है। प्लास्टिक के गिलास में चाय, गर्म दूध या पानी तक का सेवन करने से उसका केमिकल लोगों के पेट में चला जाता है। इससे डायरिया के साथ कई तरह की गंभीर बीमारिया होती है। पॉलीथीन का बढ़ता उपयोग न केवल वर्तमान के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी खतरनाक होता रहा है। पॉलीथीन पूरे देश के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। यहीं नहीं प्लास्टिक को जलाने से भी बहुत घातक गैस निकलती है। इससे भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जैसे अलग-अलग प्रकार के वायरस से कई तरह की बीमारियां होती है वैसे ही कैंसर जैसी बीमारी के प्लास्टिक का उपयोग काफी घातक है। आज कैंसर के अधिकांश मरीजों में कैंसर का कारण प्लास्टिक ही पता चलता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फिंगेश्वर के बीएमओ ने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग शुरू से ही काफी हानिकारक रहा है। इससे एक साथ दर्जनों बीमारियां लोगों में फैलती है। पॉलीथीन केमिकल से ही बना होता है। केमिकल किसी न किसी तरह हमारे शरीर में चला जाता है। इससे कैंसर, फेफड़े और दिल के रोग का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि न सिर्फ थैले का उपयोग बल्कि आज दैनिक इस्तेमाल का हर समान प्लास्टिक से बना होता है। हम सभी जो मोबाईल इस्तेमाल करते है वह भी उसी से बना होता है। यह हार्ट के लिए काफी हानिकारक है। लोग इसे अपने हार्ट के करीब रहते है इससे दिल की बीमारी भी लोगों में तेजी से बढ़ रही है।

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