उपभोक्ता केन्द्र में कई वृद्धों की मिट गई अंगुलियों की लकीरें, राशन से हो रहे वंचित


गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। इन दिनों वृद्ध ग्रामीण राशन दुकान से अपने हिस्से का राशन न मिलने से काफी परेशान है। बताया जा रहा है कि उनके फिंगर प्रिंट मिट गए है। इसलिए पाश मशीन उन्हें राशन देने अपनी स्वीकृति नहीं दे पा रही है। फिंगेश्वर नगर सहित अनेक ग्राम पंचायतों के उपभोक्ता केन्द्र में कई वृद्धों के ई-पाश मशीन में फिंगर प्रिंट नहीं मैच होने के कारण राशन से वंचित किया जा रहा है। बुढ़ापे ममें हाथों की लकीरें भी धुंधली हो गई या मिट गई है जिससे मैच नहीं हो रही है। नियमानुसार इनको राशन देने महिलाओं के नाम व आधार के साथ प्रस्ताव खाद्य विभाग भेजा गया है जिसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है। इस नियम के कारण पिछले तीन माह से राशन नहीं मिलने से गरीब लोग परेशान है। राशन लेने पहुंचे अनेक वृद्ध लोगों को ई-पाश मशीन ने नकार दिया। उंगलियों की लकीरें मैच नहीं हुई तो गरीब बुढ़ापे को राशन से ही वंचित होना पड़ रहा है। राशन की दुकानों से खाली हाथ लौटना पड़ा। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें तीन माह से राशन फिंगर पिं्रट नहीं बताने के कारण चावल नहीं मिल पाया है। ऐसे में गरीब बुजुर्गो को सरकार की ओर से दिए जा रहे निःशुल्क राशन का ही सहारा है। बीपीएल कार्डधारक परिवारों को जहां चावल, नमक, शक्कर, चना, हल्दी, मिर्च, धनिया पाउडर आदि दिए जा रहे है। लेकिन बुढ़ापे में काम करने के कारण कई बुजुर्ग महिलाओं व पुरूषों की हाथ की रेखाएं मिट गई है। ई-पाश मशीन में फिंगर पिं्रट मैच न होने से उसे खाली हाथ घर लौटना पड़ रहा है। ऐसे कई गरीब परिवार है जो राशन नहीं मिलने के कारण अपने भेट भरने के लिए किराना दुकान से ऊंचे दाम में खरीद कर अपना पेट भर रहे है। सैल्समैन जरूर फिंगर पिं्रट लगाने का बार-बार प्रयास कर रहे है तो भी फिंगर पिं्रट नहीं बता रहे है। ये समस्या सिर्फ फिंगेश्वर नगर की नहीं है बल्कि क्षेत्र में सैकड़ों महिलाओं और पुरूषों की है। जिन्हें अब तक अपने हिस्से के राशन का इंतजार है। इस समस्या के बारे में राशन दुकान के सैल्समैन ने बताया कि जिनका फिंगर प्रिंट नहीं बता रहा उसके लिए पंचायत का प्रस्ताव बनाकर एक मितानिन या कोई भी महिला समूह से एक महिला का नाम देना है। ये सभी कागजात तैयार कर जिला खाद्य शाखा में जमा कर दिया गया है। मगर अभी तक अपडेट होकर नहीं आया है। जिन महिलाओं का नाम दिया है वो सभी का अपना फिंगर पिं्रट लगाकर राशन दिया जाएगा। जिसका फिंगर पिं्रट नही बता रहा है उन लोगों को राशन उपलब्ध कराया जाएगा। खाद्य विभाग को इस तरह के मामले में स्वयं संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए।

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