जगदलपुर (गंगा प्रकाश)।। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमाशंकर शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने 5 साल में विकास के काफी काम किए, किसानों के हक में निर्णय लिए गए, बिजली माफ का भी जनता को लाभ हुआ, रिक्त पदों पर नियुक्तियां भी हुई। लेकिन कई ऐसे कारण भी थे जिसके कारण सरकार के खिलाफ जनादेश मिला। इनमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अहम और भ्रष्टाचार भी एक बड़ा कारण था। साथ ही अधिकारी, कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने में देरी हो गई। सरकार से कम बल्कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जनता नाराज थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई मंत्रियों का हारना साधारण बात नहीं है, इसके लिए गंभीर विचार मंथन जरूरी है।

उन्होने कहा कि उनके जैसे वरिष्ठ कांग्रेसियों को घर में बिठा दिया गया और सम्मान की जगह अपमानित तक किया गया। पूरे प्रदेश के हरेक जिले में चंद कांग्रेसियों की ही चली और सीधे उन्हें महत्व मिला। यही कारण है कि निष्ठावान और जमीनी कांग्रेसी नाराज थे। उन्होंने कहा कि बस्तर के मामले में शिक्षा विभाग पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में शिक्षा रैकेट काम कर रहा था जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ा। पोस्टिंग और पदोन्नति के नाम पर बड़ी रकम देने के बाद भी शिक्षक-शिक्षिकाएं आज भी परेशान हैं। बिना रकम दिए कोई काम होता नहीं है ये सब बातें आम है।
शुक्ल ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को चाहिए कि हार के कारणों को जानने के लिए प्रदेश स्तर पर सम्मेलन बुलाकर जमीनी कार्यकर्ताओं से यह जाना जाए कि आखिर काफी काम होने के बाद भी जनता का समर्थन कांग्रेस को क्यों नहीं मिला। केवल विधायकों और प्रत्याशियों को बुलाकर चर्चा करना पार्टी हित में उचित नहीं होगा।