
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। चुनाव परिणाम के बाद तथा मौसम सामा होते ही किसान अब तेजी से धान बेचने में लग रहे है। कृषकों ने बताया कि भाजपा द्वारा 21 क्विंटल धान एवं 3100 रू. क्विंटल लेने की घोषणा पहले ही दिन करने की घोषणा की गई थी परंतु 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की पहली बैठक इस मामले में किसी प्रकार की चर्चा अथवा घोषणा न किए जाने से किसानों में भारी निराशा एवं संशय का माहौल व्याप्त हो गया है। भाजपा की छत्तीसगढ़ सरकार को एक दिन भी विलंबन करते हुए 3100 रू. एवं 21 क्विंटल की तत्काल घोषणा कर देनी चाहिए। इससे लोगों में भाजपा के प्रति विश्वास बढ़ेगा। इन दिनों मौसम खुलने के बाद हार्वेस्टर से धान की कटाई और मिंजाई जोरों पर है। किसान अपने धान को समेटने में लगे हुए है। अभी भी मौसम की लुका छुपी चल रही है। कभी बदली आ जाने से किसान डर जाते है। वैसे भी धान खरीदी 31 जनवरी तक होने की जानकारी है। इसलिए लोग जितनी जल्दी हो सके अपनी उपज को मंडी ले जाकर समर्थन मूल्य में बेचने के लिए मशक्कत कर रहे है। किसान सुबह से से ही हार्वेस्टर मशीन चलाने वाले को खेतों में ले जाते है। बदलते दौर में अब कटाई सिर्फ मशीनों से हो रही है वैसे भी क्षेत्र में 25 प्रतिशत कटाई हंसिया से हुई है। जिन किसानों ने शुरू में ही कटाई कर ली है वह रबी फसल लगाने की तैयारी कर रहे है। जानकारी के मुताबिक किसान प्रतिदिन चर्चा कर रहे है कि नई सरकार आने के बाद हमें सरकार की घोषणा के मुताबिक पैसा मिलेगा की नहीं। कोई कह रहा है कि जो धान बेच चुके है उनके खाते में एक्स्ट्रा पैसा अलग से आएगा लेकिन अभी तक सरकार के द्वारा पुराने नियम के मुताबिक या फिर नई सरकार की घोषणा के मुताबिक नई दर पर पैसा मिलेगा भी कि नहीं स्पष्ट नहीं किया गया है। कोरोना काल के बाद महंगाई बढ़ी हुई है। सामान्य और गरीब परिवार के लोग बेकाबू महंगाई से पस्त हो गए है। बताना जरूरी है कि हार्वेस्टर, ट्रैक्टर वाहनों के किराया बढ़ा हुआ है जिसके कारण किसानों की जेब ढीली हो रही है। ट्रैक्टर वाले भी तेल की कीमत में बढ़ोतरी की बात कर रहे है।