
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। बस्तर के नारायणपुर के किसान के आत्महत्या मामले को कर्ज मुक्ति से जोड़कर कांग्रेस की राजनीति प्रतिक्रिया गरमा गई है। भाजपा ने ऋण मुक्ति के वायदें को पूरा करने कदम उठाया तो यह स्थिति नहीं आती ऐसा कांग्रेस का मानना है। राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही किसानों के मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। नारायणपुर जिले के कुकड़ाझोरगांव में कर्ज वसूली की नोटिस से परेशान किसान की आत्महत्या ने यह साबित कर दिया है कि गरीब किसानों की परेशानी, विवशता से भाजपा को कोई सरोकार नहीं है, भारतीय जनता पार्टी गरीब किसानों की नहीं बल्कि बड़े उद्योग पतियों का कर्ज माफ करने वाली सरकार है। उक्त वक्तव्य किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए फिंगेश्वर जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राघोबा महाड़िक ने कहा कि पिछले 5 साल तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में किसानों को कर्जमाफी, न्याय योजना के तहत 2500 रू. में धान खरीदी का लाभ मिला। भूपेश कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल एवं संपन्न हुए। लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार आते ही किसानों की परेशानी शुरू हो गई। किसान आत्महत्या करने लग गए है। भाजपा की सरकार बने पखवाड़ा बीत गया लेकिन 21 क्विंटल धान खरीदी व 3100 रू. एकमुश्त समर्थन मूल्य देने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ। यदि भाजपा द्वारा सरकार बनते ही 21 क्विंटल धान खरीदी व 3100 समर्थन मूल्य किसानों को प्रदान किया गया होता तो आज कुकड़ाझोर के गरीब किसान आत्महत्या नहीं करता। कांग्रेस नेता पूर्व जनपद अध्यक्ष राघोबा महाड़िक ने कहा कि प्रदेश में इस घटना ने भाजपा सरकार के सियासी जुमलों के गुब्बारे की हवा निकाल दी है। झूठ, छलावों, धोखाधड़ी और जुमलेबाजी के लिए प्रसिद्ध भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। जिसका खमियाजा भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।