
कार्यवाही के बाद भी ठेकेदार प्रशासन को दिखा रहे ठेंगा
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। अंचल की रेत खदानों में मनमाने स्तर पर दिन रात 24 घंटे बड़ी बड़ी अनेकानेक चैन माऊंटिग मशीनों से धड़ल्ले से नदी के बीचों बीच पानी के अंदर से, स्वीकृत रकबा से कई कई एकड़ अनाधिकृत स्थानों से खनन एवं जब चाहें तब बड़ी बड़ी हाईवा वाहनों से किया जा रहा बेताहा मात्रा में रेत का परिवहन इन दिनों क्षेत्र की सुर्खियों में है। इस तरह खुले आम बड़े बड़े जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों, पुलिस, खनिज विभाग के नाक के नीचे किया जा रहा यह अवैध एवं अनैतिक कृत्य रेत माफिया अपने दम पर कर रहा हो यह संभव प्रतीत नहीं होता। यदा-कदा झुटपुट कार्यवाही, ग्रामीणों की शिकायत, छत्तीसगढ़ सरकार को अवैध खनन के नाम पर कोसती मिडिया की हेडलाईन के चलते अधिकारी कार्यवाही की औपचारिकता तो करते है। परंतु ऐसी बनावटी और दिखावटी कार्यवाहियों से अभ्यस्त रेत माफिया रूकने का नाम नहीं ले रहे है। इन दिनों फिंगेश्वर विकासखंड की हथखोज रेत खदान भ्रष्टाचार, अनियमितता एवं अवैध खनन तथा परिवहन के मामले में सारी हदें पार कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां लंबे समय से स्वीकृत रेत खदान काफी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के बल पर निर्बाध रूप से चल रही है। यहां 50 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में बेदर्दी से खनन किया जा रहा है। एक-दो नहीं 4-4 बड़ी बड़ी चैन माऊटिंग से लगातार 24 घंटे खनन कर प्रतिदिन बड़ी मात्रा में हाईवा गाड़ी भरी जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि ग्रामीणों की कोई भी बल, शिकायत, कठिनाई समझता तो दूर सुनना ही नहीं चाहते। मनमाने जहां चाहे वहां खनन से नदी का स्वरूप ही बदलने लगा है। बरसात का पानी समीप के खेतों में गांव में घुसने की आशंका बढ़ती जा रही है। गांव वालो की बात कोई सुनने वाला नहीं है। अधिकारियों को कई कई बार शिकायत करो, मिडिया के पास जावोंतो कभी कभार अधिकारी औपचारिक कार्यवाही करने के प्रोग्राम से ही आते है। उनके जाने के दूसरे दिन से ही फिर वही अवैध खनन, मनमाना, परिवहन, दिन-रात 24 घंटे और ज्यादा बेदर्दी से खदान का दोहन शुरू हो जाता है। लगता है कि रेत माफिया शिकायत करने वालों को चिढ़ा रहा है और कार्यवाही से होने वाले नुकसान का कई गुना वसूल कर शासन को लाखों रूपयों का नुकसान पहुंचाने आपदा है। इतनी ज्यादा, इतनी बड़ी टैक्स चोरी में रेत माफिया को अधिकारियों की राह एवं मिलीभगत न हो ऐसा संभव प्रतीत नहीं होता। बीच नदी में खनन करती चैन माऊंटिग, हाईवा गाड़िया कई कई बार कार्यवाही के बाद भी अधिकारियों से सेटिंग के कारण हर बार मामूली कार्यवाही कर फिर उसी काम में लग जाती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि अवैध खनन-परिवहन में पकड़ी गई गाड़ियों को राजसात जैसी सख्त कार्यवाही करने से ही इस प्रकार की अनियमियता पूर्ण गतिविधि से अंकुश लगाया जा सकता है। वरन इस प्रकार के कुत्ते बिल्ली के लुकाछिपी का खेल चलता ही रहेगा। जिसमें आर्थिक क्षति के साथ पर्यावरण की हानि तथा नदी का सीना छतनी होता ही रहेगा। इस प्रतिनिधि ने हथखोज रेत खदान में जब एक चैन माऊटिंग देखा तो चैन माऊटिंग नदी के बीच में खड़ी थी और उसमें जब्ती किए जाने सील लगा हुआ था। इस बारे में जब खनिज अधिकारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि अवैध खनन के कारण चैन माऊटिंग की जब्ती की गई है। जब अवैध खनन नदी के बीच में करते चैन माऊंटिग जब्त हुई है तो इसे राजसत क्यों नहीं किया जाता मात्र मामूली फाईन करके छोड़ दिया जाता है। इस बारे में खनिज अधिकारी ने कहा कि हम कोर्ट में यह सिद्ध नहीं कर पाते कि चैन माऊटिंग अवैध खनन के उद्देश्य से नदी में उतारी गई है। समझा जा सकता है कि मिलीभगत एवं भ्रष्टाचार की राह पर खनिज अधिकारी किस प्रकार की कार्यवाही करवाते है। इस मामले में यह स्पष्ट हो जाता है कि फिंगेश्वर अंचल सहित पूरे छत्तीसगढ़ में अनेकों जगह पर चल रही रेत खदान के अवैध काम में अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह अवैध काम संभव नहीं है। राजिम अंचल में चल रही अवैध खनन में सख्ती पूर्वक कार्यवाही के लिए नवनिर्वाचित विधायक रोहित साहू से ग्रामीणों ने तत्काल कार्यवाही करवाए जाने की मांग की है। हथखोज रेत खदान से लगे मुख्य सड़क के ग्राम पंचायत पोखरा के सरपंच सतीश यादव ने बताया कि दिनभर मनमाने ढंग से रेत खदान से हाईवा गाड़ी लोड होकर निकलती है। मनमाने वजन एवं तेज स्पीड कारण सड़क में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। मुख्य सड़क से ही आंगनबाड़ी, अस्पताल, स्कूल लगा हुआ है। बच्चों का आना जाना लगा रहता है। श्री यादव ने एसडीएम एवं तहसीलदार से हथखोज-पोखरा-राजिम मार्ग से बड़ी गाड़ियों हाईवा आदि को नियंत्रण करने, गति में नियंत्रण के साथ अवैध खनन के कारण अनाप शनाप तरीके से दौड़ने वाली वाहनों पर तत्काल रोक लगाने के साथ इस मार्ग से गुजरने वाली सड़कों में पर्याप्त मात्रा में स्पीड ब्रेकर, सांकेतिक बोर्ड लगाने की मांग सरपंच पोखरा सतीश यादव ने की है।