मनखे मनखे एक समान का संदेश दिया था बाबा गुरु घासीदास ने – जिलाध्यक्ष 

गरियाबंद /छुरा (गंगा प्रकाश)। रुपनाथ बंजारे सतनामी समाज जिलाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ गरियाबंद एवम हेमंत सांग जिलाध्यक्ष ने संत बाबा गुरु घासीदास की जयंती पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है रूपनाथ बंजारे ने कहा कि महान संत बाबा गुरु घासीदास ने सामाजिक आर्थिक शोषण तथा जातिवाद सामंतियों के अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाकर मनखे मनखे एक समान है का संदेश दिया। बंजारे ने कहा कि समाज को एकता के सूत्र में पिरोने वाले बाबा गुरु घासीदास शांति सामाजिक समरसता के प्रतीक है। समाज को नई दिशा प्रदान करने में उनका अतुल्यनीय योगदान हैं। उनके उपदेश आज भी प्रासंगिक है। और हर साल 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। उनका जन्म 18 दिसंबर 1756 में छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में गिरौद नामक गांव में हुआ था. उन्होंने ऐसे समय में जन्म लिया था जब समाज में छुआछूत,ऊंच नीच का भेदभाव और झूठ कपट का बोलबाला था, ऐसे में उन्होंने समाज को एकता भाईचारे और समरसता का संदेश दिया था।

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