सीता बेंगरा से रामगढ़ पहाड़ी के 04 किलोमीटर के दायरे में चलाया गया सफाई अभियान।

प्रशिक्षु डीएफओ अक्षय भोसले के पहल पर साफ नजर रामगढ़

दर्जनों की संख्या में अधिकारी कर्मचारी सहित वन प्रबंधन समिति के लोग तथा आम आदमी हुए शामिल हुए

लखनपुर (गंगा प्रकाश)।– किसी भी प्राकृतिक स्थल की पहचान वहां स्थित प्राकृतिक सौंदर्य एवं वहां पर होने वाले साफ-सफाई से की जाती है । रामगढ़ अपने जिन खूबसूरत वादियों, प्राचीन महत्व की चीजों, ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है इस पर वहां फैले कचरे व गंदगी लोगों के बीच अच्छे संदेश कम गंदगी का संदेश ज्यादा देते थे।

इन सब परेशानियों का समाधान पहले भी हो सकता था परंतु इसे करने का हौसला किसी ने नहीं दिखाया । वर्तमान में उदयपुर वन परिक्षेत्र में पदस्थ प्रशिक्षु युवा डी एफ ओ अक्षय भोसले ने स्थानीय अधिकारी कर्मचारी सहित वन प्रबंधन समिति के लोग तथा आम जनों से विचार विमर्श कर विगत कुछ दिनों से राम वन गमन पर्यटन परिपथ में शामिल श्री राम जी की प्रतिमा स्थल से सफाई अभियान प्रारंभ किया गया है।

रामगढ़ आस पास के जंगल, नाट्य मंचन स्थल, दर्शको के लिए बने सेड, सीता बेंगरा, हथफोड़ गुफा, हनुमान घाट, पगोड़ा स्थल, मेला स्थल घाट, मुर्गी गोडारी से लेकर 650 सीढियां चढ़ाकर पहाड़ पर स्थित राम जानकी मंदिर, सीता कुंड, चंदन माटी गुफा, कुंड, पार्वती गुफा,

सिद्ध बाबा गुफा, झगराखांड देव स्थल पर दर्जनों लोगों को साथ लेकर 100 बोरा से अधिक प्लास्टिक, पानी के बाटल , कांच के बोतल तथा विभिन्न प्रकार के कचरा जमा किया गया। उक्त जमा कचरा को नगर निगम अंबिकापुर के स्वच्छता पार्क भेजा जा रहा है।

यहां यह भी बताना जरूरी है कि शासन द्वारा विगत 15 से 20 सालों में करोड़ों रुपए रामगढ़ के विकास के नाम पर खर्च किए गए परंतु देख देख के अभाव में उक्त स्थल पर गंदगी का अंबार लगा हुआ था। जिससे रामगढ़ की खूबसूरती फीकी पड़ने लगी थी।

श्रीमान सरगुजा वन मंडल अधिकारी थेजेस शेखर के मार्गदर्शन पर पवित्र स्थल रामगढ़ पहाड़ एवं वाटिका की साफ सफाई वन परिक्षेत्र उदयपुर के प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी अक्षय भोसले एवं परिक्षेत्र सहायकों एवं वन रक्षकों सहित वन प्रबंधन समिति की महिला सदस्यों पुरुष सदस्यों के द्वारा की गई।

इस दौरान वन प्रबंधन समिति पुटा अध्यक्ष अमृतलाल यादव, पुटा सरपंच नीलाबाई नंदा, परिक्षेत्र सहायक अजीत सिंह, शशिकांत सिंह, चंद्रभान सिंह, परिसर रक्षक शहिस, अरमो, संतोष, राजेश, राजमणी एवं वनकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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