ध्रुव गोड़ ने शहीद वीर नारायण सिंह जी का शहादत दिवस मनाया गया।

छुरा (गंगा प्रकाश)। छुरा विकासखण्ड के ग्राम पक्तियां मे ध्रुव गोड़ समाज द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह जी के शहादत दिवस रविवार को धूमधाम के साथ मनाया गया।ध्रुव गोड़ समाज द्वारा कलश यात्रा निकाला गई चौक में हजारों आदिवासीयों ने विधि विधान के साथ आदिवासी संस्कृति अनुसार शहीद वीर नारायण सिंह की छायाचित्र की पूजा अर्चना कर उनके बताये रास्तों पर चलने का संकल्प लिया।वहीं सभा का भी आयोजन किया गया।जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमति तोकेश्वरी मांझी अध्यक्ष जनपद पंचायत छुरा,अध्यक्षता श्री कंवल सिंह ध्रुव अध्यक्ष ध्रुव गोड़ समाज पक्तियां,विशिष्ट अतिथि केशरी ध्रुव सदस्य जिला पंचायत गरियाबंन्द,संतूराम ध्रुव कोषाध्यक्ष ध्रुव गोड़ समाज जिला गरियाबंन्द,गणेश राम ध्रुव सरपंच ग्राम पंचायत पक्तियां,गिरिवर लाल ध्रुव आडिटर ध्रुव गोड़ समाज सर्कल मडे़ली,शीतल ध्रुव समाजसेवी छुरा,पुनितराम ठाकुर सामाजिक कार्यकर्ता मंचीसन रहे।सर्वप्रथम शहीद वीर नारायणा सिंह व रानी दुर्गावती के छाया चित्र पर पूजा अर्चना किया गया।और ध्रुव गोड़ समाज के द्वारा सभी अतिथि जनों का चंदन बंधन व पीला गमछा पगड़ी बांधकर स्वागत सम्मान किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तोकेश्वरी मांझी ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह प्रदेश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिन्होंने गरीबो की भलाई और देश की आजादी के लिए अपने प्राणो की आहुति दी थी वीर नारायण सिंह के मातृभूमि के लिए योगदान को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देने वाले आदिवासी जननायक वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे उन्होने सन् 1856 के भीषण अकाल के दौरान गरीबो को भूख से बचाने के लिए अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ कठिन संघर्ष किया मातृभूमि के प्रति समर्पण और उनका बलिदान हमेशा याद किया जायेगा।केशरी ध्रुव ने कहा कि आज आदिवासी समाज को संकल्प लेने की जरूरत है कि शहीद वीर नारायण सिंह के बताये रास्तों पर चलकर समाज का विकास करना जरूरी है।गोडी़ धर्म संस्कृति हीराबतर के द्वारा रंगारंग संस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुति भी किया गया।इस मौके पर प्रमुख रूप से धनेश ध्रुव,कंवल ध्रुव,कपील ध्रुव,नाथू राम ध्रव,पुसुऊ राम ध्रुव,संतोष ध्रुव,डोमन ध्रुव,कन्हैया ध्रुव,अंजोर ध्रुव,भुनेश्वर ध्रुव,गिरधार ध्रुव,भूपेन्द्र ध्रुव,मोहन ध्रुव,पवन ध्रुव,मदन ध्रव,देवकरण ध्रुव,कीर्तन ध्रव,सोमनाथ ध्रुव,लितेश ध्रुव,गजेन्द्र ध्रुव दौलत ध्रव,सहित महिलाएं पुरुष युवा बुजुर्ग बडे़ संख्या में ध्रुव गोड़ समाज व ग्रामवासी हजारों की जनसंख्या में उपस्थित थे।

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