सिलयारी बाहरा धाम में मनाई गई बाबा घासीदास जयंती पूर्व विधायक अमितेष शुक्ल एवं नवनिर्वाचित विधायक रोहित साहू ने समारोह में लिया भाग

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)।  समीपस्थ गनियारी-पतोरा के दुरस्थ जंगल में सतनामी समाज द्वारा बनाए गए सिलयारीबाहरा में सोमवार 26 दिसंबर को पूरी श्रद्धा-पूजा अर्चना के साथ संत गुरूघासीदास जी की जयंती मनाई गई। गुरूजी खूबलाल टंडन द्वारा दोपहर बाद यहॉ निर्मित 7 जैतखाम में पालो चढ़ाने के कार्यक्रम के साथ आयोजन शुरू हुई। जैतखाम में पूरी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हुए गुरूजी के साथ दुर्गाप्रसाद टंडन, चोवाराम खुंटे, कुमार साव भारती, भागीरथी आड़े, सुभाष कोसले, सहदेव बंजारे, चतुर मंडल, विष्णु जांगड़़े, ईश्वर रात्रे, हेमंत सांग, लक्ष्मीदास सोनवानी सहित वरिष्ठ जनों ने पालो चढ़ाया। पालो चढ़ाते समय पूर्व विधायक अमितेष शुक्ल कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे तो उन्होंने भी जैतखाम में पालो चढ़ाया। पूर्व विधायक अमितेष शुक्ल यहॉ विधायक मद की 10 लाख की राशि से बने टीन शेड का लोकर्पण किया। इस अवसर पर भीड़भरी सभा में पूर्व विधायक अमितेष शुक्ल ने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने सिर्फ सतनामी समाज को ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानव जाति को मनखे मनखे एक सामान का संदेश देकर सभी को एक दूसरे से जोड़ा। यह समाज के लिए गौरव की बात है। सतनामी समाज के लिए और ज्यादा गौरन्वित करने की बात है कि ऐसे महान गुरू का जन्म सतनामी समाज में हुआ। गुरूजी के संदेश के अनुकुल हमें न सिर्फ एक दूसरे से मिलजुलकर रहना चाहिए साथ ही गुरूजी के संदेशों का अनुसरण करते हुए जनज न को प्रेरणा देनी चाहिए। आज के समय में तो बाबाजी का संदेश और ज्यादा प्रासंगिग हो गया है। गुरू घासीदास जयंती समारोह में शिरकत करने शाम में नवनिर्वाचित विधायक रोहित साहू पहुंचे। उन्होंने जैतखाम में मत्था टेकते हुए अंचल के लोगों के सुख समृद्धि की कामना करते हुए उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरू घासीदास बाबा ने समाज में व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वास, अज्ञानता को दूर करने अथक प्रयत्न किया। उन्होंने मनखे मनखे एक समान का नारा देकर समाज में समानता लाने लोगों को प्रेरणा दी। उन्होंने सदैव ही भेदभाव को दूरकर सामाजिक समानता का उपदेश दिया। समाज के पंथी नृत्य का जिक्र करते हुए श्री साहू ने कहा कि पंथी नृत्य करते हुए गुरू की महिमा गुरू के उपदेशों का बखान संगीत के माध्यम से किया जाता है। गुरू घासीदास जी द्वारा दिए गए उपदेश इन नृत्यों एवं गाने के माध्यम से लोगों तक पहुंचते है। हमें बाबाजी की जयंती के अवसर पर उनके द्वारा बताए गए उपदेश, रास्ते पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाने का सतत् प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजनकर्ता संत बाबा खूबलाल टंडन ने कहा कि बाबा जी का जन्म उस समय हुआ था जब समाज छुआछुत और ऊंच नीच जाति भेदभाव जैसी समस्याओं से घिरा हुआ था। बाबाजी ने इस कुप्रयासों को दूर किया और समानता व आपसी भाईचारा को बढ़ावा देकर समाज को नई दिशा प्रदान की। गुरू घासीदास जी ने अपने जीवनकाल में सत्यता को बढ़ावा दिया और लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। बाबा खूबलाल टंडन ने कहा कि हम ऐसे संतो के जीवन के आदर्शो, बताए गए रास्तों को अपने जीवन में उतारकर आगे बढ़े तो निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। विधायक रोहित साहू ने समाज द्वारा दिए गए मांग पत्र के विषय में कहा कि सतनामी समाज द्वारा किए गए मांगनुसार इन्हें पूरा करने के लिए में वचनबद्ध हूॅ। समय आने पर इन्हें पूरा किया जाने का प्रयास करूंगा। कार्यक्रम में विक्रम खुंटे, मधुबाला रात्रे, एम. आर. रात्रे, भागचंद चतुर्वेदी, तुलेश्वर घृतलहरे, संतोष डहरिया, हेमनारायण महिलांग, के. डी. सोनवानी, राजऋषि टंडन, लखन बांधे, अवधराम साहू, डेमिन पीलाचंद मांडले, भुनेश्वरी साहू, कुंती भारती, राजा खुटे, धनसाय गायकवाड़, सुघरमल आड़े, संत दुर्गा प्रसाद टंडन, रामाधार साहू, ओमप्रकाश साहू, विजय कंडरा, गजेन्द्र निषाद, कोमल ढ़ीढ़ी, विश्राम निषाद, कांती मोहन निषाद, अश्वनी बबूल त्रिवेन्द्र, रामविलास खुंटे, वेदराम, शिव जोशी, पन्नालाल नवरंगे, भोला भारती, सुंदरू बंजारे, तिलक टंडन, मिलाप बंजारे, प्रकाश बंजारे, चिंतामणी, सुकदेव सहित काफी संख्या में सतनामी समाज के महिला पुरूष एवं युवा शामिल थे। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन सुघरमल आडे़ एवं अंत में आभार दुर्गाप्रसाद टंडन ने किया।

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