दूसरे दिन भी बसों, ट्रकों, वाहनों के चक्के जाम से बड़ी परेशानी, पेट्रोल-डीजल की किल्लत से आवागमन हुआ बाधित

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। सरकार द्वारा दुर्घटना से संबंधित संशोधित बिल प्रस्तुत किए जाने के खिलाफ ड्राइवरों और कंडेक्टरों ने मोर्चा खेल दिया है विरोध स्वरूप 1 से 3 जनवरी हड़ताल पर चले गए है। आज 2 जनवरी को दूसरे दिन हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। बसां के पहिए थम गए है जिससे आने-जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल का पेट्रोल पंपो पर भी साफ असर दिख रहा है। पेट्रोल-डीजल परिवहन करने वाले टैंकरों के चालक भी इस हड़ताल में शामिल है। पेट्रोल की किल्लत की आशंका को देखते हुए पेट्रोल पंपो मं अफरा-तफरी मची रही। कुछ पेट्रोल पंपो में तो पहले ही दिन से स्टाक खत्म होने के चलते ताले भी लटक गए। सरकार दुर्घटना से संबंधित बिल में संशोधन करने संशोधित बिल प्रस्तुत कर रही है। जिसमें ड्राइवर कंडक्टरों के लिए कठोर सजा व लाखों के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जिससे ड्राईवर, कंडक्टरों में भारी नाराजगी है। वे इस बिल का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग कर काम बंद कर हड़ताल पर चले गए है। मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा लाए जाने वाले बिल के तहत जिस वाहन से दुर्घटना होगी उसके ड्राइवर को 10 साल की सजा व 10 लाख जुर्माने तक का दंड का प्रावधान किया गया है। ऐसे में ड्राईवर वाहनों की स्टेयरिंग थामने से डरने लगे है। बता दे कि पहले दुर्घटना के पश्चात् ड्राइवरों को आसानी से जमानत मिल जाती थी। लेकिन अब कठोर सजा व भारी जुमार्ने से उनमें ड्राइविंग को लेकर भय है। ऐसे में जब तक उक्त बिल वापस नहीं किया जाता वे विरोध जताते रहेंगे। बस चालक परिचालक एसोसिएशन से मिली जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 570 ड्रायवर व कंडक्टर है। जो पूर्णतः इस बिल का विरोध कर रहे है। तीन दिवसीय हड़ताल पर है। बसों के साथ ट्रक व भारी वाहनों के चालक परिचालक भी इस बिल का विरोध कर रहे है। फिंगेश्वर से राजिम, महासमुंद-छुरा पर चलने वाली सभी लोकल बसों के पहिए कल सुबह से थमे रहे। बस स्टैण्ड में ही खड़ी रही। हड़ताल से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अधिकांश यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं थी। नये बिल के विरोध में बस ट्रक सहित अन्य भारी वाहनों के चालक-परिचालक सोमवार से स्टेयरिंग नहीं थाम रहे है। इनमें पेट्रोल डीजल परिवहन करने वाले टैंकरो के चालक भी शामिल है। इसकी चर्चा शहर में होते ही पेट्रोल डीजल की किल्लत की आशंका के चलते लोग पंपो में उमड़ने लगे। इससे पंपो में भीड़ जुट गई। हालांकि दोपहर तक लोगों को पेट्रोल डीजल मिलता रहा। अंचल के सभी बस चालक-परिचालकों द्वारा नये काले बिल का विरोध करते हुए गाड़ियों का चालन 3 जनवरी तक बंद रखा गया है। उनकी मांग है कि 10 साल सजा व 10 लाख जुर्माने का प्रावधान पूरी तरह गलत है इस बिल को वापस लिया जाए।

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