गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर विकासखंड क्षेत्र शासन के प्रतिबंध के बावजूद लाल ईटों का निर्माण बेधड़क जारी है। जबकि छत्तीसगढ़ के खनिज विभाग ने पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसका निर्माण पर पूर्णता रोक लगा रखा है फिर भी इसका निर्माण किया जाना अनेक संदेह को जन्म देता है ऐसा नहीं है कि इस प्रकार के बिक्स का निर्माण फिंगेश्वर क्षेत्र में ही हो रहा है आहे बगाहे पूरे अंचल में इस अनियमियतता का समाचार प्रकाशित किया जाता रहा है किंतु इस क्षेत्र के परसदा, बेलर, पतोरा, सरगोड़, जामगांव, खुड़सा जैसे लगभग सभी पंचायत में इन दिनों अवैध निर्माण जारी है। जबकि इस निर्माण से जुड़े लोगों से खनिज विभाग के अधिकारियों के नाम से उनके मातहत कर्मचारियों के द्वारा अवैध वसूली भी किए जाने की चर्चा है। अभी हाल ही में एक नया कारनामा उजागर हुआ है। कि इस वसूली करने वाले कर्मचारियों ने अपने ही विभाग तथा शासन प्रशासन को आंख दिखाते हुए खुद भी भारी मात्रा लाल ईटो का निर्माण कर डाला है। जो व्यक्ति स्वयंम अवैध कार्यो में संलिप्त है उससे या उसके विभाग से न्याय की उम्मीद करना बेमानी होगा। जरूरत यह है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी वा कर्मचारियों के विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा उसे दंड दिया जाना चाहिए विदित हो कि पिछले वर्ष में मीडिया के शिकायत पर छापेमारी की कार्यवाही की गई थी। जिसमें जिसके अंतर्गत अवैध ईट बनाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की गई थी। जिसके अन्तर्गत उनको आर्थिक रूप से दंडित भी किया गया था। किंतु उसकी युक्त राशि अभी तक विभाग में जमा नहीं की गयी बताया जाता है। जबकि सीमेंट ब्रिक्स बनाने वाले फिर से लाल ईट निर्माण की तरफ आकर्षित हो गए है वहीं विभाग के द्वारा दंडित लोगों को किसी भी प्रकार को नोटिस नहीं दिया जाना भी शंका का विषय बना हुआ है शासन के निर्देशानुसार सभी निर्माण कार्यो के लिए सीमेंट ब्रिक्स की ही अनुमति है फिर भी अवलोकन करता इंजीनियर भी निर्माण कार्यो का बिल पास करते रहे है। ऐसे भी शिकायत आम हो चली है क्षेत्र के लोग आज भी लाल ईटो के अवैध निर्माण कर अधिक दामों में बिक्री करने से त्रस्त है आखिर इस अवैध कार्यो में खनिज विभाग की मेहरबानी पर अंकुश कब लग पाएगा।
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