
बिलासपुर(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला मामले को लेकर पिछले दो साल से जांच और आरोपियों से पूछताछ का दौर जारी है। इस बीच कोल घोटला मामले में ED के गिरफ्त में आए कारोबारी सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। 17 महीने पहले छत्तीसगढ़ में ED ने कोयला घोटला मामले में कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद सुनील अग्रवाल की जमानत को लेकर वकील ने मेडिकल के आधार पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। अग्रवाल की इस जमानत याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस एनके व्यास ने करीब एक माह पहले आर्डर रिजर्व रखा था। जिसके बाद अब कोर्ट ने सुनील अग्रवाल जमानत याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया है। छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान कोयला घोटाला काफी चर्चा में रहा है। जिसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जांच के बाद आईएएस, व्यापारियों व राजनीति से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच में राजनेता और बिचौलियों के माध्यम से कोयला परिवहन में कमीशनखोरी के मामले में करीब 500 करोड़ से ज्यादा का कोयला घोटाला सामने आया था। इस मामले को लेकर ED ने रेड करने के बाद प्रदेश के कई बड़े अधिकारियों और व्यापारियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया था।
इन लोगों को अब तक किया गया गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाला मामले में ईडी ने रेड मारने के बाद इसमें कई बड़े अधिकारी और कारोबारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी की जांच के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल समेत नौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनसे पूछताछ करने के बाद ज्यूडिशियल रिमांड पर रायपुर जेल में बंद किया गया है।
क्या है कोयले मामले से सुनील अग्रवाल का कनेक्शन
इस पूरे मामले को लेकर ईडी ने जानकारी देते हुए बताया है कि छत्तीसगढ़ में कोल लेव्ही मामले में जांच के दौरान पता चला है कि इसमें 540 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। आरोप के बाद कोयला परिवहन में 25 रुपए टन की लेवी मामले में ईडी ने इंद्रमणि कोल के डायरेक्टर सुनील अग्रवाल को 11 अक्टूबर 2022 को गिरफ़्तार किया था। अग्रवाल के ऊपर कोयले ये काले धन को सफ़ेद करने और संपत्तियों में निवेश करने का काम किया गया है। इस मामले में राहत के लिए सुनील अग्रवाल ने हाईकोर्ट में 15 फरवरी 2020 को पहली बार ज़मानत याचिका लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।