
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। गर्मी की रबी फसल धान में तेज गर्मी से जहां उत्पादन सुरक्षित होता है। वहीं बीमारी की संभावना भी कम होती है। परंतु अभी हो रही लगातार वर्षा और ठंडकता के कारण रबी फसल ले रहे किसान न सिर्फ परेशान है बल्कि कीट प्रकोप भी नुकसान पहुंचा रहा है एवं ठंडकता भी धान की क्वालिटी एवं मात्रा में कमी लाएगा। फिंगेश्वर अंचल में इस बार बहुत बड़े रकबे में धान की रबी फसल लगी हुई है। बालियॉ निकल आई है लेकिन तरह तरह के कीट प्रकोप से किसान परेशान हो रहे है। बकली गांव के किसान सियाराम, सहदेव साहू, गुलाल साहू, हीराधर साहू, अंजोर साहू, शशिकांत साहू, ओमप्रकाश साहू, टीकम साहू, त्रिलोचन साहू, जयपाल साहू, चंद्रप्रकाश सेन, डॉक्टर चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि किसान हलाकान है। ऊपर से बेमौसम बारिश भी कहर बरपाया है। पिछले सप्ताह भर से बदली बारिश होने के कारण किसान ऐसे ही डर गए। रविवार को जब धूप निकली तो किसानों के जान में जान आई है। जानकारी के मुताबिक फिंगेश्वर, परसदाकला, पतोरा, पतोरी, गनियारी, बेलर, चरौदा, कुण्डेल, के साथ साथ फिंगेश्वर विकासखंड के सिंधौरी, बरोण्डा, श्यामनगर, सुरसाबांधा, कोपरा, सड़कड़ा, भेण्ड्री, मुड़तराई, लफंदी, बेलटुकरी, भैंसातरा जैसे दर्जनां गांवो के खेतों में फसल माथ नवाकर खड़ी हुई है। खड़ी फसल के पकने कर इंतजार किसान कर रहे है। लगातार तेज धूप निकलेगी तो फसल अप्रैल में ही पककर तैयार हो जाएगी। मई के पहली तारीख से कटाई भी शुरू हो जाएगी। इस साल मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण रबी फसल में विलंब हुआ है। जबकि पिछले वर्ष कटाई का काम 15 से 20 अप्रैल के बीच शुरू हो गया था। ग्रीष्मकालीन होने के कारण मवेशी छुटटे रहते है। इस लिहाज से खेतों में तार का घेरा और ऊपर से पुरानी साड़ियों का बाढ़ लगाकर सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाते है। हरे-भरे खेतों के बीच किसानों का दिन अभ्ी खेतों में ही बीत रहा है। क्षेत्र की हरियाली गर्मी से निजात दिलाते हुए सुकुन प्रदान कर रही है।