उलटपारा में राम नवमी के अवसर पर एक दिवसीय राज्यस्तरीय रामचरितमानस गान प्रदेश के अलग.अलग जिलों से मानस मंडलियों ने संगीतमय प्रस्तुति दी।

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से राम नवमी के पावन अवसर पर एक दिवसीय संगीतमय राज्यस्तरीय श्रीराम चरित मानसगान सम्मेलन उलटपारा गोंदलाबाहरा में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम को लेकर समिति के पदाधिकारियों का व्यापक रूप से तैयारी की गई थी समिति के अध्यक्ष दुलार सिंह निषाद ने बताया ये हमारे यहां का इतना बड़ा आयोजन पहली बार है कार्यक्रम के शुभारंभ से पहले विशाल जल कलश यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों की संख्या में मोहल्ले के छोटे-बडे माता बहनों के द्वारा गाजे बाजे के साथ कलश निकाली गई इस आयोजन को लेकर पूरा का पूरा ग्राम पंचायत उलटपारा गोंदलाबाहरा राममय हो गया था प्रदेश के अलग-अलग जिलों से ख्यातिप्राप्त मानस मंडलियों की भक्तिमयी प्रस्तुति देर रात्रि तक चलता रहा। परमेश्वर मानस परिवार सेम्हरतरा के व्याख्याकार युगल किशोर ने कहा श्रीराम चरित मानस हम सभी को अच्छा जीवन जीने की कला सिखलाती है जीवनी में भगवान की भक्ति पानी है तो शबरी की तरह जीवन में ज्ञान भक्ति और वैराग्य का होना जरूरी हैं जब तक ये तीनों भाव हमारे जीवन में नही होगा तब तक भक्ति की परिकल्पना नही कि जा सकती यह तभी सम्भव है जब हमारी-आपकी सोच माता-पिता भगवान एवं जनमानस के प्रति सकारात्मक सोच हो श्रीराम चरित मानस में भगवान भोलेनाथ को सबसे बड़ा वक्ता एवं माता पार्वती जी को सबसे बड़ा श्रोता के रूप में विशेष पूजन किया जाता है इसके अलावा अन्य आमंत्रित मानस मंडलियों के द्वारा अलग-अलग प्रसंगों पर प्रस्तुति करण दी गीत संगीत को सुनकर श्रोताओं ने विशेष उत्साह एवं आंनद के भाव देखा गया प्रमुख रूप से जय दुर्गा मानस परिवार बासीन गरियाबंद, अराधना मानस परिवार कुंदरूपारा जिला बालोद, विश्राम मानस परिवार झारा जिला महासमुन्द, चक्रधारी बिहारी मानस परिवार गोंदलाबाहरा गरियाबंद, सुर सरिता मानस परिवार खुसरूपाली, जय बजरंग मानस परिवार गोंदलाबाहरा गरियाबंद आमंत्रित सभी श्रद्धालुओ के लिए आयोजक समितियों के द्वारा विशाल भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई थी कार्यक्रम कों सफल बनाने में श्रीमती मेटो बाई सरपंच ग्राम पंचायत गोंदलाबाहरा, सालिक राम खैरवार, उज्जवल नागेश एवं समस्त ग्रामवासी उलटपारा गोंदलाबाहरा का विशेष सहयोग रहा पूरे कार्यक्रम का संचालन थानू राम निषाद एवं आभार शिक्षक दुलार सिंह निषाद ने किया।

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