
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। लगातार अंचल में हो रहे मनमाने स्तर पर अंधाधुध दिन-रात 24 घंटे अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन के सार्वजनिक समाचारों से विचलित एवं भयभीत खनिज विभाग द्वारा पिछले 2 दिनों में दिखावटी सक्रियता दिखाते हुए 2-4 हाईवा गाड़िया अवैध परिवहन के नाम पर करने का स्वांग जरूर किया है। परंतु यह कार्यवाही अंचल की कई कई रेत खदानों में प्रतिदिन हो रही सैकड़ों हाईवा वाहनों के अवैध परिवहन में न सिर्फ ऊॅट के मुंह में जीरा है वरन् जनमानस को चिढ़ाने जैसी कार्यवाही बताई जा रही है। रोड में चल रही वाहनों को रेत मिल कहॉ से रही है। रेत खदानों में दिन-रात 24 घंटे सैकड़ों हाईवा रेत लोडिंग करने इंतजार में खड़ी है। यह सब अधिकारियों को नहीं दिख रहा है। मात्र अवैध खनन एवं परिवहन के आंकड़े, करतूतें सार्वजनिक हो रही है और यह सिलसिला भी लगातार समाचार-पत्रों, पोर्टल तथा सोशल मिडिया में चल रहा तो बदनामी से बचने खनिज एवं राजस्व विभाग द्वारा कहने को कार्यवाही करना न सिर्फ आश्चर्यजनक बल्कि रेत माफिया से लंबी सेटिंग एवं सत्तासीन जनप्रतिनिधियों का जबरदस्त दबाव ही माना जा रहा है। जिले के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी जिन्हें बिना किसी भय, डर एवं दबाव के नियमानुसार कार्य करने जिले की कमान सौंपी जाती है उनके लिए बताया जा रहा है कि सत्तासीन जनप्रतिनिधियों के दबाव में वे अवैध रेत परिवहन एवं उत्खनन यानी चोरी के मामले में कार्यवाही करने में कतराते प्रतीत हो रहे है। रेत अवैध उत्खनन एवं परिवहन का मामला सिर्फ फिंगेश्वर-राजिम क्षेत्र का नहीं बल्कि गरियाबंद, मैनपुर, देवभोग से भी लगातार उजागर किए जा रहे है। रेत माफिया के इतने बड़े सिंडीकेट के मामले में कार्यवाही में कोताही निश्चित ही गंभीर मामला है। इस मामले की मुख्यमंत्री एवं मंत्री स्तर पर शिकायत की जानकारी प्राप्त हुई है।
खनिज विभाग एवं परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही कर 3 रेत भरी हाईवा को राजिम थाने में एवं 2 हाईवा को फिंगेश्वर थाने में खड़ा कराया गया है। चैन माऊंटिंग को रायपुर जिला की ओर लखना, चंपारण, सेम्हरा में रास्ता बनने के कारण वहां छिपा दिया जाता है। जिसे जब्ती नहीं बनाया जा सकता।
फागुलाल नागेश, सहायक खनिज अधिकारी, गरियाबंद